एयर इंडिया एयरक्राफ्ट (सौजन्य-IANS)
Nagpur News: टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया (एआई) ने अपने बेड़े के आधुनिकीकरण के प्रयास के तहत नागपुर में 12 विमानों की रीपेंटिंग और केबिन रेट्रोफिट का काम पूरा कर लिया है। यह काम इंडामर एएआर टेक्निक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया। इस प्रक्रिया में प्रत्येक विमान को नई पोशाक (लीवरी) और उन्नत सीटें मिलीं।
मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधा ने एयर इंडिया के बेड़े परिवर्तन के हिस्से के रूप में इस कार्य को संभाला। अनुमान है कि प्रत्येक विमान पर कुल लागत 10 करोड़ आई जिसमें नई सीटों के लिए 8 करोड़ और रीपेंटिंग के लिए 1.5 करोड़ शामिल हैं।
नागपुर में इंडामर एएआर टेक्निक्स की एमआरओ सुविधा को अपग्रेड किए जा रहे एयर इंडिया के 26 विमानों में से 12 की रीपेंटिंग और रेट्रोफिटिंग का कार्य सौंपा गया था। इनमें से 11 विमान पहले ही पूरे हो चुके हैं और 12वां विमान कुछ ही दिनों में बनकर निकलने वाला है। विमान को रंगना नियमित रखरखाव से अलग एक विशेष प्रक्रिया है।
नागपुर सुविधा में इस उद्देश्य के लिए एक समर्पित हैंगर है जहां लगभग 40 कुशल तकनीशियन एक सप्ताह के भीतर एक विमान का काम पूरा करते हैं। वे विमानन-ग्रेड कोटिंग्स का उपयोग करते हैं जो स्थायित्व सुनिश्चित करती हैं। नये पेंट किए गए विमान अब शानदार दिखाई देते हैं और टाटा समूह द्वारा अधिग्रहण के बाद इसके व्यापक रीब्रांडिंग और आधुनिकीकरण अभियान को प्रदर्शित करता है।
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सिर्फ एक साल से अधिक समय में इंडामर एएआर टेक्निक्स ने विमान रीपेंटिंग और नवीनीकरण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया है। यह कंपनी पारंपरिक रूप से यांत्रिक और संरचनात्मक रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करती थी। उसने रीपेंटिंग को एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया है। अन्य भारतीय एयरलाइंसों से भी इसी तरह के अनुबंधों पर चर्चा चल रही है। एयर इंडिया परियोजना की सफलता ने एमआरओ की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है जिससे यह घरेलू एयरलाइनों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन गया है।