हॉकर्स को जबरन हटाया (फाइल फोटो)
Nagpur News: हाई कोर्ट द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 मार्च 2023 को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि यदि महानगरपालिका ने किसी भी हॉकर्स को हॉकिंग का लाइसेंस किसी भी समय दिया हो और किसी भी कारणों से उसका नवीनीकरण नहीं किया गया हो तो भी ऐसे लाइसेंसधारक हॉकर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इसके बावजूद ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बर्डी से हॉकर्स हटाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए अब नागपुर फेरी वाला फुटपाथ दुकानदार संगठन के महासचिव रज्जाक कुरैशी ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि बर्डी मेन रोड पर लाइसेंसधारक हॉकर्स को व्यवसाय करने की स्वतंत्रता कोर्ट द्वारा दी गई थी किंतु इस आदेश का प्रशासन ने धड़ल्ले से उल्लंघन किया। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां से लाइसेंसधारकों को भी जबरन हटा दिया गया। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सोमवार तक के लिए मामला टाल दिया।
टीवीसी सदस्य कुरैशी ने कहा कि सीताबर्डी मेन रोड पर हॉकर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का कड़ा विरोध किया गया। यहां तक कि टीवीसी में प्रशासन द्वारा एकतरफा निर्णय लिए जाने का विरोध भी किया गया। किंतु मनपा बर्डी मेन रोड से सभी हॉकर्स को हटाने पर तुली हुई है। मनपा द्वारा प्रस्तुत हलफनामा में बताया गया कि हाई कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को लंबित रिट याचिका संख्या 6215/2016 में गठित टीवीसी को पिछली टीवीसी के निर्णय पर पुनर्विचार करने की स्वतंत्रता दी जिसमें 2014 के अधिनियम के प्रावधानों पर विचार किया जाना था।
नई टीवीसी ने पुनर्विचार प्रक्रिया के तहत बैठकें कीं और 21 फरवरी 2024 के प्रस्ताव द्वारा ‘सीताबर्डी मेन रोड’ को हॉकिंग जोन के रूप में न रखने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। मनपा ने हलफनामे में बताया कि PIL संख्या 7/2019 में 20 फरवरी 2023 और 1 मार्च 2023 के उच्च न्यायालय के आदेशों का पूरी तरह से पालन किया गया।
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इन आदेशों के अनुसार, केवल उन स्ट्रीट वेंडरों और हॉकरों को हटाने की कार्रवाई की जानी थी जिन्हें पहले कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया था। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि जिन स्ट्रीट वेंडरों को पहले लाइसेंस जारी किया गया था और जिनका लाइसेंस किसी कारण से नवीनीकृत नहीं हुआ है, उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हलफनामा में बताया गया कि शुरुआती टीवीसी ने 22 दिसंबर 2016 की बैठक में सीताबर्डी मेन रोड सहित 53 स्थानों को हॉकर्स जोन घोषित करने की मंजूरी दी थी जिसे 29 दिसंबर 2016 को राजपत्र में अधिसूचित किया गया था। हालांकि सीताबर्डी मर्चेंट्स एसोसिएशन ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए रिट याचिका संख्या 6215/2016 दायर की जिस पर न्यायालय ने 30 जनवरी 2017 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। 2014 के अधिनियम के तहत एक नई 20 सदस्यीय टीवीसी का गठन 17 दिसंबर 2019 को चुनावों के माध्यम से किया गया जिसे राज्य सरकार द्वारा 6 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित किया गया।