बुटीबोरी में बिन सेफ्टी बेल्ट काम रहे मजदूर (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: नागपुर जिले के बूटीबोरी में शहर की पानी की समस्या को सुलझाने के लिए प्रशासन ने करोड़ों रुपये खर्च कर जगह-जगह पानी की टंकियों का निर्माण कार्य शुरू किया है। इनमें से कुछ टंकियां निर्माण के अंतिम चरण में हैं, जबकि कुछ पर कार्य अभी जारी है। हालांकि, इस निर्माण कार्य की आड़ में मजदूरों की जान के साथ गंभीर खिलवाड़ किया जा रहा है।
पुरानी बस्ती के वार्ड क्रमांक 2 में बीते 8 महीनों से एक विशाल पानी की टंकी का निर्माण कार्य जारी है। इस स्थान पर मजदूरों से 40-50 फीट की ऊंचाई पर काम करवाया जा रहा है बिना किसी सेफ्टी बेल्ट या सुरक्षा उपकरण के। यह सरासर लापरवाही है, जो मजदूरों की जान पर भारी पड़ सकती है। पिछले महीने निर्माण स्थल पर लेवलिंग बीम में दरारें आ गई थीं।
इसके बावजूद, ठेकेदार ने दरारों को केवल सीमेंट और मिट्टी से छुपाने की कोशिश की, न कि उनकी मरम्मत की। यह स्पष्ट करता है कि न केवल मजदूरों की सुरक्षा बल्कि निर्माण की गुणवत्ता को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।
एक सेफ्टी बेल्ट की कीमत महज कुछ सौ रुपये होती है, लेकिन इसके अभाव में कोई मजदूर ऊंचाई से गिरकर अपनी जान गंवा सकता है। आखिर क्यों एक छोटी-सी लागत बचाने के लिए इंसानी जान को जोखिम में डाला जा रहा है?
यह जानलेवा लापरवाही स्थानीय प्रशासन और निर्माण विभाग की निगरानी में ही हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केवल टंकियों का निर्माण ही लक्ष्य है या निर्माण की गुणवत्ता और मजदूरों की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है?
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मजदूरों की जिंदगी को हल्के में लेना अब बंद होना चाहिए। यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो एक बड़ी दुर्घटना कभी भी घट सकती है। जिम्मेदारी तय करना और दोषियों पर कार्रवाई करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।