आदित्य ठाकरे (सौजन्य-IANS)
Nagpur Assembly Session: मंगलवार सुबह जो वीडियो वायरल हुआ वह गद्दार सेना का था, शिवसेना का नहीं। गद्दारों के नेता कुछ दिन पहले प्रचार के दौरान हेलिकॉप्टर से दो बैग लेकर उतरे थे। उन बैगों में खुशियों का सामान था क्या? शिवसेना (उबाठा) नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को विधान भवन परिसर में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर ये तंज भरा सवाल किया।
उन्होंने कहा कि कैश कांड में शामिल विधायकों के रोज नए वीडियो सामने आ रहे हैं। किसी का जमीन घोटाले का मामला है तो किसी विधायक का मारपीट का वीडियो सामने आ रहा है। ऐसे में ‘पार्टी विद डिफरेंस’ होने का ढोंग करने वाली और ‘न खाता हूं, न खाने देता हूं’ कहने वाली भाजपा इन भ्रष्ट लोगों को सत्ता में शामिल कर रही है। इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? साथ ही भाजपा की गले की हड्डी बने जो 22 विधायक हैं, क्या उनमें भी इनका समावेश है। यह भी देखना चाहिए।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में प्रचार करने आए थे, तब उन्होंने स्वयं कहा था कि जब तक मैं हूं, विदर्भअलग नहीं होने दूंगा। वहीं, अब राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा अलग विदर्भ के मुद्दे पर भाजपा की ठोस भूमिका बताए जाने पर आदित्य ठाकरे ने जवाब दिया कि भाजपा पहले अपनी ही बातों पर स्पष्ट करे।
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विपक्ष नेतृत्व के मुद्दे पर बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि मीडिया रोज नए नामों की चर्चा कर रहा है, पर हमनें केवल एक ही नाम भेजा है और हम उसमें बिल्कुल स्पष्ट हैं। कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह चौथा अधिवेशन है। यदि अध्यक्ष को लगता है कि विपक्ष के नेता की आवश्यकता नहीं है और बिना उसके भी अधिवेशन चलाया जा सकता है, तो यह बात अध्यक्ष ने स्पष्ट कहनी चाहिए, सरकार को आखिर किस बात का डर है?
इतना बहुमत होते हुए भी उन्हें विपक्ष का नेता क्यों नहीं चाहिए। इसे लेकर सरकार को जवाब देना चाहिए। विपक्ष के नेता को लेकर हमारे बीच कोई नाराजगी या मनमुटाव नहीं है। असली नाराजगी तो सरकार के भीतर है। जिन्हें भाजपा ने किनारे कर दिया है।