हर्षवर्धन सपकाल, विजय वडेट्टीवार और जयंत पाटिल (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा सोमवार को पेश किया गया बजट विपक्ष को रास नहीं आया। बजट पेश किए जाने के बाद विपक्ष ने सरकार पर लाडली बहनों एवं किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए विधानसभा से वॉकआउट किया और सदन की सीढ़ियों पर आंदोलन शुरू कर दिया। विपक्ष के नेताओं ने बजट पर कई सवाल उठाए है।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकारी तिजोरी में पैसा नहीं है इसलिए इस सरकार के संकल्प का भी कोई महत्व नहीं है। ठाकरे ने विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किया महायुति का एक विज्ञापन दिखाते हुए कहा था, ‘बड़े-बड़े झांसे देकर महाराष्ट्र को कर्ज के दलदल में फंसा दिया।
बजट के बाद आयोजित पत्रकार परिषद में ठाकरे ने कहा कि यह जनादेश का अपमान करने वाला बजट है। ये जो उनकी जीत है; हमारे विचार से, यह फर्जी मतदान, ईवीएम घोटाला, डबल वोटिंग का नतीजा है। लेकिन यदि सरकार को लगता है कि महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें बहुमत से चुना है, तो यह बजट उस बहुमत का अपमान करने वाला है।
क्योंकि लाडली बहनों को 2100 रुपए दिए जाने का कोई जिक्र नहीं है। मुख्यमंत्री के तौर पर, मैंने नागपुर अधिवेशन में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की और उसे लागू किया। मुझे लाडली बहनों के लिए उनका प्यार नहीं दिखा, लेकिन ठेकेदारों के लिए उनका प्यार अभी भी बना हुआ है। यह प्यारे ठेकेदारों के लिए बजट है।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि महायुति ने उन अत्यंत लाडली बहनों, किसानों, वंचितों और आदिवासियों के साथ विश्वासघात किया, जिनके वोटों से महायुति सरकार सत्ता में आई। चुनाव से पहले गुलाबी जैकेट पहनने वाले अब गुलाबी जैकेट और अपनी लाडली बहनों को भूल गए हैं।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि यह बजट किसानों के मुंह पर तमाचा है और उनकी लाडली बहनों के साथ धोखा है। चुनाव से पहले सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में घोषणा की थी कि वह लाडली बहनों को 2100 रुपए देगी।
बाद में सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कहा गया कि बजट में इसे लागू किया जाएगा। लेकिन अब, जब ऐसा लग रहा था कि उनका तालमेल बैठ गया है। सरकार ने इस बजट में लाडली बहनों को छोड़ दिया है। महाराष्ट्र रुकेगा नहीं, कहने वालों महाराष्ट्र को कहां पहुंचा दिया है?
कांग्रेस महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि यह दिशाहीन, ध्येय हीन एवं नीतिहीन खोखला बजट है। सरकार ने किसानों, महिलाओं एवं आम जनता से विश्वासघात किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार ने घोषित योजनाओं के जरिए आम जनता सेवन हेवन में पहुंचाने यानी सपनों का सब्जबाग दिखाने का प्रयास किया है। इसमें कार से यात्रा करने वालों के लिए पुलों और सुरंगों के अनेक संकेत लगे हुए हैं।
एसटी बसों और ट्रेनों से यात्रा करने वाले आम, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। महाराष्ट्र का राजस्व घाटा अनुमानित 20,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 45,892 करोड़ रुपए हो गया है।
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पिछले वर्ष घाटा 20,000 करोड़ रुपये दिखाया गया था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार यह 26,536 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसका मतलब यह है कि कुल घाटा 60,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। राजकोषीय घाटा भी 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर आज 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए हो गया है। यह आंकड़ा भी 1.5 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।