नासिक : महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने आखिरकार जिले में टिकट वितरण को लेकर बागी हुए कांग्रेस समर्थकों को मना ही लिया है। हालांकि, कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में तो ऑल इंडिया कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को सीधे हस्तक्षेप करके बागियों से बातचीत कर समझाना पड़ा। विधानसभा चुनाव में सोमवार, 4 नवंबर तक नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी और इसके पहले के दो दिन कई नाटकीय घटनाओं से भरे रहे।
नासिक मध्य निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी ने पूर्व विधायक वसंत गिते को टिकट दिया था, लेकिन यहां कांग्रेस की प्रवक्ता डॉ. हेमलता पाटील, गुलजार कोकणी और हानिफ बशीर ने बगावत की थी। इससे महाविकास आघाड़ी के वोटों पर सीधा असर होने की आशंका थी। इसलिए पाटील समेत अन्य उम्मीदवारों को मनाने के प्रयास शुरू हुए।
इसके लिए पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने डॉ. पाटील और अन्य बागी नेताओं से बातचीत की, लेकिन वे अपनी उम्मीदवारी पर अडिग रहे। अंत में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राउत ने उन्हें समझाया। इसके बाद सोमवार 4 नवंबर को अखिल भारतीय कांग्रेस के सचिव और उत्तर महाराष्ट्र के प्रभारी बी.एम. संदीप डॉ. पाटील के निवास स्थान पर पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की।
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आखिरकार महाविकास आघाड़ी के हित में डॉ. पाटील ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया। इसके अलावा, कोकणी और बशीर ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। इगतपुरी-त्र्यंबकेश्वर से लकी जाधव को टिकट दिए जाने के बाद गोपाल लहांगे और अनिता घारे ने भी अपनी उम्मीदवारी के लिए नामांकन दर्ज किया था, लेकिन आखिरी दिन उन्होंने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली।
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गौरतलब है कि 29 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था, जिसके बाद नामांकन वापस लेने का उम्मीदवारों के पास सोमवार तक का मौका था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए राज्य की 288 सीटों पर 20 नवम्बर को एक चरण में मतदान होने हैं, जिसके बाद 23 नवम्बर को मतगणना होनी हैं।