साध्वी प्रज्ञा (Image- Social Media)
Malegaon Blast Case: साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में बरी हो चुकीं पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। जानकारी के अनुसार, ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत 7 आरोपियों को बरी किए जाने के आदेश के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
गौरतलब है कि 31 जुलाई को एक विशेष अदालत ने सभी सातों आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत मौजूद नहीं है।
निसार अहमद सैयद बिलाल और पांच अन्य लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 31 जुलाई को विशेष NIA कोर्ट द्वारा दिया गया आदेश गलत था और इसे रद्द किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को दोपहिया वाहन में हुए धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि 101 लोग घायल हो गए थे।
बता दें कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भीकू चौक पर एक दोपहिया वाहन में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी। इस दौरान 101 लोग घायल बी हुए थे। मृतकों में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख रफीक मुस्तफा, शेख मुश्ताक यूसुफ, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार तथा हारून शाह मोहम्मद शाह शामिल थे।
इस मामले में पहले एफआईआर स्थानीय पुलिस ने दर्ज की, लेकिन बाद में ये मामला केस एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) के हाथ में सौंप दिया गया। ATS का कहना था कि कि ‘अभिनव भारत’ नामक संगठन 2003 से एक संगठित अपराध गिरोह की तरह काम कर रहा था। इस मामले में ATS ने अपनी चार्जशीट में प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित, उपाध्याय सहित कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया था।
यह भी पढ़ें- दुर्घटना: देसाईगंज-कुरखेड़ा मार्ग पर हादसा, सभी की हालत स्थिर ट्रक-कार में टक्कर, 7 लोग घायल
इस केस में एटीएस को सबसे पहला सुराग एक LML फ्रीडम मोटरसाइकिल से मिला, जिसका नंबर (MH-15-P-4572) नकली था तथा इसके इंजन-चेसिस नंबर से भी छेड़छाड़ की गई थी। फॉरेंसिक जांच के बाद इसका असली नंबर GJ-05-BR-1920 निकला, जो की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम पर रजिस्टर्ड था। हालांकि, आज कोर्ट ने कहा कि ये साबित नहीं हो पाया कि ये बाइक साध्वी प्रज्ञा की थी।