वारिस पठान और हिमांशी नरवाल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने कश्मीरियों को निशाना न बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस हमले के लिए कश्मीरियों और मुसलमानों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी के इस बयान पर AIMIM नेता वारिस पठान ने अपनी प्रतिक्रिया दी हैष वारिस पठान ने कहा कि हिमांशी ने नफरत फैलाने वालों को करारा तमाचा मारा है।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का गुरुवार (1 मई) को 27वां जन्मदिन था। उनकी याद में लेफ्टिनेंट के परिवार वालों ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। इसी दौरान हिमांशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। हिमांशी ने कहा, “मैं किसी तरह का नफरत नहीं चाहती। लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ जा रहे हैं, ऐसा हम बिल्कुल नहीं चाहते। हम सिर्फ शांति और शांति चाहते हैं। हमें न्याय चाहिए। जिन लोगों ने गलत किया उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”
हिमांशी के इस बयान पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा है कि शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने नफरत फैलाने वालों पर करारा तमाचा मारा गया है। वारिस पठान ने कहा सोशल मीडिया पर हिमांशी के इस बयान को शेयर कर लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने नफरत फैलाने वाले भक्तों को करारा तमाचा मारा है।”
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने नफरत फैलाने वाले भक्तों को करारा तमाचा मारा है।
"हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ़ जाएं। हम शांति चाहते हैं और सिर्फ़ शांति। बेशक, हम न्याय चाहते हैं," pic.twitter.com/pmfwmndeRA— Waris Pathan (@warispathan) May 1, 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को बैरसन घाटी में जब आतंकियों ने हमला कर पर्यटकों को मारना शुरू किया तब विनय नरवाल भी वहीं मौजूद थे। विनय नरवाल उस समय कोच्चि में तैनात थे और पहलगाम अपनी पत्नी हिमांशी के साथ घूमने गए थे। तभी आतंकवादियों ने 25 पर्यटकों के साथ उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी।
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दिवंगत लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार ने इस आतंकवादी हमले में मारे गए अपने बेटे के लिए सरकार से उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग की है। साथ ही हरियाणा में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के नाम उनके नाम पर रखने की मांग भी की है।