विक्रम भट्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Vikram Bhatt News: फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। उदयपुर की एक अदालत ने कथित धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े करीब 30 करोड़ रुपये के मामले में दोनों की जमानत याचिकाएं दोबारा खारिज कर दी हैं।
यह फैसला 24 दिसंबर को सुनाया गया, जो इस केस में उनकी दूसरी जमानत अर्जी थी। अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि मामला अभी जांच के बेहद संवेदनशील चरण में है। न्यायाधीश के अनुसार, जांच पूरी नहीं हुई है और आगे और गिरफ्तारियां व पूछताछ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
ऐसे में इस स्तर पर प्रभावित कर सकता है। खासकर तब जब मामला कथित तौर पर बड़े पैमाने की वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ा हो। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच एजेंसियां अभी वित्तीय लेन-देन, समझौतों और दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही हैं।
जांच आगे बढ़ने के साथ मामले से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है। यह पूरा मामला उदयपुर के कारोबारी और इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक डॉ। अजय मुडिया की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
डॉ। मुर्डिया ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी इंदिरा की जीवनी पर आधारित फिल्म सहित कुछ अन्य प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए विक्रम भट्ट को लगभग 30 करोड़ रुपये दिए थे।
शिकायत के मुताबिक, विक्रम भट्ट ने इन निवेशों पर 100 से 200 करोड़ रुपये तक के रिटर्न का वादा किया था। डॉ। मुर्डिया का दावा है कि न तो वादा किया गया प्रोजेक्ट पूरा हुआ और न ही किसी तरह का मुनाफा मिला। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत संबंधित एजेंसियों से की।
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विक्रम भट्ट और श्वेतांबरी भट्ट को 7 दिसंबर को मुबई से गिरफ्तार किया गया या। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें 9 दिसंबर की उदयपुर की अदालत में पेश किया। शुरुआती पुलिस हिरासत के बाद दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। फिलहाल, दूसरी बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी दोनों न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे। अब तक विक्रम भट्ट या श्वेतांबरी भट्ट की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।