यूबीटी का राज्यव्यापी आंदोलन (pic credit; social media)
Shiv Sena UBT Protest: एशिया कप के भारत-पाकिस्तान मैच ने रविवार को क्रिकेट के मैदान के बाहर महाराष्ट्र की सियासत को गरमा दिया। एक ओर जहां अबू धाबी में टीम इंडिया और पाकिस्तान भिड़े, वहीं महाराष्ट्र की सड़कों पर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) गुट और कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया।
उद्धव ठाकरे की पार्टी की महिला इकाई ने “मेरा सिंदूर मेरा देश” अभियान चलाते हुए मुंबई समेत राज्यभर में प्रदर्शन किया। महिलाओं ने सिंदूर और चूड़ियां बॉक्स में डालकर ऐलान किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी जाएंगी। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए—”भारत-पाक मैच रद्द करो” और “शहीदों का अपमान बंद करो”। इतना ही नहीं, गुस्से में कुछ कार्यकर्ताओं ने टीवी तोड़ो आंदोलन भी किया।
मुंबई, घाटकोपर, विक्रोली, कांजुरमार्ग और ठाणे में यूबीटी नेताओं, अनिल देसाई, अरविंद सावंत, प्रियंका चतुर्वेदी, मिलिंद नार्वेकर, किशोरी पेडणेकर और अन्य कई बड़े चेहरों ने आंदोलन का नेतृत्व किया। पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई और कई जगह प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
इस आंदोलन पर बीजेपी और शिंदे गुट ने पलटवार किया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “सैनिकों की वीरता पर सवाल उठाने वालों को देशभक्ति सिखाने का अधिकार नहीं। ये वही लोग हैं जो चुनावों के दौरान पाकिस्तानियों से हाथ मिलाते हैं और अब देशभक्ति का ढोंग कर रहे हैं।”
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी हमला बोला। उन्होेंने कहा, उद्धव ठाकरे खुद के घर को देखें। उनके करीबी मिलिंद नार्वेकर मुंबई क्रिकेट समिति में हैं। अगर इतना राष्ट्रवाद है तो पहले उन्हें वहां से हटाएं।”
वहीं, कांग्रेस और उद्धव गुट ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए सवाल उठाए कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जय शाह के खिलाफ कुछ नहीं बोलते। कांग्रेस नेताओं ने कहा, “जब पाकिस्तान हमारे जवानों को शहीद कर रहा है, तब क्रिकेट मैच खेलना शहीदों की कुर्बानी का मजाक उड़ाना है।”
मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने भी सीधा वार किया और कहा, “उद्धव ठाकरे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके बगल में बैठे मिलिंद नार्वेकर से पूछना चाहिए कि क्या वह भी पाकिस्तान से मैच खेलने के खिलाफ हैं?”
कुल मिलाकर, भारत-पाक क्रिकेट मुकाबले से पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक संग्राम चरम पर पहुंच गया। एक ओर विपक्ष “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोल रहा है, तो दूसरी ओर बीजेपी और शिंदे गुट विपक्ष को अवसरवादी और दोहरा चेहरा दिखाने में जुटे हैं। क्रिकेट का रोमांच अभी बाकी है, लेकिन राजनीति का यह मैच पहले ही हाई-वोल्टेज हो चुका है।