
सिंदूर ब्रिज (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: सिंदूर ब्रिज शुरू होने के बाद 10 जुलाई को गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई और ट्रैफिक की समस्या भी कुछ हद तक कम हो गई है, लेकिन पैदल चलने वालों यात्रियों के लिए पूर्व से पश्चिम जाने के लिए फुटपाथ नहीं बन पाया था।
यात्री ब्रिज का उपयोग कर आवा जाही तो करते थे लेकिन ब्रिज के किनारे चलने से उन पर वाहनों से टकराने का खतरा बरकरार रहता था। हालांकि बीएमसी का दावा है कि जल्द ही यह काम भी पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, 15 दिसंबर तक फुटपाथ बनाने के काम को पूरा कर लिया जाएगा।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त (प्रोजेक्ट्स) अभिजीत बांगर ने बताया कि फुटपाथ को अंतिम रूप देने का काम तय समय पर चल रहा है। उनके अनुसार, पैदल चलने वालों को भी सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग मिलेगा, जिससे जनता की लंबे समय से चली आ रही सुरक्षा चिंताएं दूर होंगी। उन्होंने कहा कि “लैंडिंग सीढ़ियां, जो फुटपाथ को जमीन से जोड़ेंगी, 15 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी।
यह जो आईएस अधिकारी बैठे हैं, इनका दिमाग सिर्फ पैसे बनाने में लगता है क्या? क्या इन्हें अक्ल नहीं है ? 150 वर्ष पहले अंग्रेजों ने सोचा था कि यहां फुटपाथ होना जरूरी है लेकिन ये लोग जो खुद को देश प्रेमी बताते हैं, इन्हें यह सूझता ही नहीं है। – कमलाकर शेनॉय (आरटीआई एक्टिविस्ट)
पुल पर कुल 3 सीढ़ियां होंगी, जिसमें एक पूर्व दिशा में और दो पश्चिम दिशा में ताकि पैदल यात्री आसानी से आवाजाही कर सकें। उन्होंने बताया कि सीढ़ियों की ऊंचाई 5.5 मीटर और चौड़ाई 2.5 मीटर होगी। ये सीढ़ियां ऊंचे वॉकवे को ग्राउंड लेवल से जोड़ेंगी, विशेष रूप से क्रॉफर्ड मार्केट के पश्चिमी हिस्से से।
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पश्चिम दिशा में भी पूर्व दिशा की तरह एक सीधी कनेक्टिविटी नहीं है, यह पूछने पर बांगर ने बताया कि शहरी ढांचे की सीमाएं इसके लिए जिम्मेदार हैं। पूर्वी दिशा में पर्याप्त जगह होने के कारण वहां सीधा, निर्बाध पैदल मार्ग बनाना संभव था। फिलहाल पुल पर पैदल चलने के लिए फुटपाथ मौजूद हैं, लेकिन सीढ़ियों के अभाव में वे उपयोग के लायक नहीं हैं। यही कारण है कि अब तक यह पुल केवल वाहनों के लिए उपयोगी रहा है और पैदल यात्रियों के लिए असुविधाजनक।






