ट्रांसपोर्टर भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र राज्य ट्रक टेम्पो टैंकर बस परिवहन संघ के नेतृत्व में सभी ट्रांसपोर्टरों ने मंगलवार मध्य रात्रि से पूर्ण हड़ताल शुरू कर दी है, वहीं राज्य भर के स्कूल बस मालिकों ने बुधवार, 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। स्कूल बस हड़ताल का असर स्कूल जाने वाले बच्चों पर पड़ने की संभावना है।
स्कूल बस मालिक संघ ने बस चालकों के खिलाफ यातायात पुलिस द्वारा की जाने वाली अनुचित कार्रवाई, सीसीटीवी, वेबरीडर और जीपीएस जैसी सुविधाओं के लिए ई-चालान के माध्यम से दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ परमिट में बाधा डालने के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है।
स्कूली बसों की तरह ही माल ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल भी मंगलवार आधी रात से शुरू होगी। यह हड़ताल खास तौर पर परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा किए जा रहे शोषण और अवरोध के खिलाफ है।
ट्रांसपोर्टरों से ऑनलाइन जुर्माना वसूलने, जुर्माना राशि में कमी करने, बकाया जुर्माना माफ करने, क्लीनर की बाध्यता खत्म करने, व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश समय पर पुनर्विचार करने और पार्किंग स्थल की व्यवस्था करने समेत छह प्रमुख मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य ट्रक टेंपो टैंकर बस परिवहन संघ ने एक जुलाई की आधी रात से चक्का जाम आंदोलन का आह्वान किया है।
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सरकार से बार-बार शिकायत की गई है। लेकिन ड्राइवरों की परेशानी कम नहीं हुई है। इसके खिलाफ आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी की गई। लेकिन सरकार ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया। इसलिए 1 जुलाई की मध्यरात्रि से पूरे राज्य में हड़ताल का आह्वान किया गया है। यह निर्णय सभी परिवहन संगठनों ने लिया है और इसमें राज्य भर के सभी ट्रांसपोर्टर शामिल होंगे, ऐसा महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश गवली ने कहा।
प्रमुख मांगों में अन्यायपूर्ण ट्रैफ़िक जुर्माने को वापस लेने कि मांग की गई है। खराब सड़क बुनियादी ढाँचे और कड़े ट्रैफ़िक नियमों पर भी चिंता जताई है जो उनके दिन-प्रतिदिन के कामकाज को बाधित करते हैं। इन सभी मुद्दों को उजागर करने के लिए सभी प्रमुख परिवहन यूनियनें एक साझा मोर्चे के तहत एक साथ आई हैं, जिसे वाहातुकदार बचाओ क्रुति समिति के नाम से जाना जाता है। इसी के तहत 16 जून से मुंबई के आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन चल रहा है।