कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने जाति आधारित जनगणना की वकालत करते हुए इसे आरक्षण के मुद्दे का ‘‘एकमात्र स्थायी समाधान” बताया है। सपकाल ने जानना चाहा कि क्या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार तेलंगाना की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 42 प्रतिशत आरक्षण देगी?
उन्होंने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार पर आरक्षण के मुद्दे पर मराठा और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के बीच तनाव पैदा करने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सरकार द्वारा उनकी अधिकांश मागों को माने जाने के बाद मंगलवार को मुंबई में अपना पांच-दिवसीय विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
उनकी मांगों में पात्र मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल है, जिससे वे ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण लाभ के पात्र हो जाएंगे। कुनबी एक पारंपरिक कृषक समुदाय है जो महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी में शामिल है, लेकिन ओबीसी समुदाय मराठों को इस श्रेणी में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं।
सपकाल ने एक बयान में कहा, ‘‘ सरकार ने मराठों को आरक्षण देने के लिए हैदराबाद राजपत्र के प्रावधानों को स्वीकार करते हुए एक शासकीय आदेश जारी किया है। यदि वह राजपत्र को स्वीकार कर लेती है, तो क्या वह तेलंगाना का भी अनुकरण करेगी, जिसने जाति जनगणना कराई थी और ओबीसी को 42 प्रतिशत कोटा दिया था?”
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति आरक्षण के मुद्दे पर मराठों और ओबीसी समुदायों के बीच जानबूझकर संघर्ष को बढ़ावा दे रही है। सपकाल ने कहा, ‘‘सरकार का दावा है कि ओबीसी आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठों को आरक्षण मिलेगा। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। यही भ्रम दोनों समुदायों को टकराव की ओर धकेल रहा है।”
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वहीं, CM फडणवीस ने कहा, ‘‘हैदराबाद गजट के कार्यान्वयन के संबंध में जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल से बात की है, जिन्होंने बुधवार को पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने में तेजी लाने के लिए जारी किए गए जीआर पर खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। – एजेंसी इनपुट के साथ