संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sanjay Raut on Local Body Elections: महाराष्ट्र में वर्ली में 5 जुलाई को आयोजित की गई विजय रैली के बाद ये कयास लगाए जा रहे है कि स्थानीय निकाय चुनाव के लिए ठाकरे बंधु एक साथ आएंगे। राज्य में ऐसी अटकलें तेज है कि निकाय चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एक साथ आकर महायुति को टक्कर देगी।
हांलाकि, इन अटकलों पर शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने ब्रेक लगाया है। उन्होंने कहा कि मैंने यह नहीं कहा कि वे दोनों साथ में चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, राज्य की जनता दबाव बना कही है कि दोनों पार्टियां एक होकर चुनाव लड़े। इस बयान से संजय राउत ने स्पष्ट किया है कि निकाय चुनाव के लिए दोनों का साथ आना यह अभी भी तय नहीं हुआ हैं।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहते हैं, “मैंने यह नहीं कहा कि मनसे और शिवसेना (यूबीटी) साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, बल्कि मैंने कहा कि लोगों का दबाव है कि शिवसेना (यूबीटी) और मनसे स्थानीय निकाय चुनाव, खासकर मुंबई महानगर पालिका चुनाव, साथ मिलकर लड़ें।”
VIDEO | Mumbai: Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut (@rautsanjay61) says, “I didn’t say MNS and Shiv Sena (UBT) are contesting elections together, I said that there is pressure from people that Shiv Sena (UBT) and MNS should contest local bodies elections together, particularly… pic.twitter.com/MIhTttcIUE
— Press Trust of India (@PTI_News) July 10, 2025
ठाकरे बंधुओं के साथ आने के बाद इंडिया गठबंधन की स्थिति के बारे में बताते हुए राउत ने कहा, “मुझसे पूछा गया कि इंडिया ब्लॉक की क्या स्थिति है? मैंने कहा कि इसका गठन लोकसभा चुनावों के लिए हुआ था और महा विकास अघाड़ी विधानसभा चुनावों के लिए। स्थानीय निकाय चुनावों में इन दोनों की कोई ज़रूरत नहीं है।”
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव के मुद्दे पर बात करते हुए संजय राउत ने कहा, “स्थानीय निकाय चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। लोग चाहते हैं खासकर मुंबई महानगर पालिका का चुनाव कि अगर मुंबई को बचाना है तो राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।”
जश्न के बाद राज ठाकरे ने मांगी माफी, बोले- विजय सम्मेलन में…
आपको बताते चलें, कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य की स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी भाषा को लागू करने का फैसला लिया गया था। इस फैसले के विरोध में शिवसेना यूबीटी और मनसे ने विरोध प्रदर्शन किया था। पार्टियों के आक्रामक होने के बाद सरकार को यह त्रि-भाषा नीति का फैसला रद्द करना पड़ा था। इस फैसले का जश्न मनाने ठाकरे बंधुओं ने 5 जुलाई को वर्ली डोम में विजय रैली का आयोजन किया था। इस दौरान वे एक मंच पर साथ देखे गए थे। तभी से ये अटकलें फैल गई की आने वाले चुनाव में भी दोनों भाई मिलकर चुनाव लड़ेंगे।