
संजय निरुपम (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News: अखिल भारतीय एसआईआर विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि फर्जी मतदाता का मुद्दा सिर्फ हार छिपाने का बहाना है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची को लेकर झूठा नैरेटिव गढ़ा था और अब उनके ही दावे गलत साबित हो चुके हैं। निरुपम ने कहा कि कुछ महीने पहले कांग्रेस ने यह प्रचार करना शुरू किया कि मतदाता सूचियों में अनियमितताएं हैं और बड़े पैमाने पर फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं।
इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने खुद एक पावरपॉइंट प्रजेंटेशन दिया था, लेकिन बाद में जिन मतदाताओं को फर्जी बताया गया था, वे खुद सामने आकर सच्चाई बयान कर चुके हैं, जिससे कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश हो गया।
संजय निरुपम ने कहा कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच करीब 72 लाख वोट बढ़े हैं। बाद में उन्होंने अपने आंकड़ों में खुद ही सुधार किया और कहा कि 50 से 55 लाख वोट बढ़े हैं। कुछ समय बाद यह संख्या घटते-घटते 40 से 42 लाख तक पहुंच गई।
उन्होंने तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी को खुद ही नहीं पता कि आखिर कितने लाख वोट बढ़े हैं। कांग्रेस चुनावी हार से बुरी तरह हताश है और इसी कारण उसने “फर्जी मतदाता” का मुद्दा उछालकर एक झूठा नैरेटिव तैयार किया, ताकि अपनी असफलता से ध्यान भटकाया जा सके।
शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा फैलाए गए इसी भ्रम का असर अब अन्य विपक्षी दलों पर भी दिख रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में शिवसेना (यूबीटी गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी राहुल गांधी की तर्ज पर एक प्रजेंटेशन दिया और दावा किया कि उनके वर्ली विधानसभा क्षेत्र में 11 हजार फर्जी वोटर जोड़े गए हैं।
निरुपम ने इस दावे को निराधार बताते हुए कहा कि मुंबई जैसे शहरों में हजारों कामगार कारखानों और रेस्टोरेंट में काम करते हैं और वही अपना नाम वहीं के पते पर दर्ज कराते हैं। ऐसे लोग अक्सर अस्थायी रूप से रहते हैं, इसलिए मतदाता सूची में परिवर्तन होते रहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सभी लोग फर्जी हैं या सभी वोट डालते हैं।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि मतदाता सूची में जो भी खामियां हैं, उसके पीछे किसी राजनीतिक दल का षड्यंत्र है या चुनाव आयोग किसी विशेष दल के इशारे पर काम कर रहा है।
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निरुपम ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि मतदाता सूची एकदम पवित्र है। इसमें कुछ त्रुटियां हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है, लेकिन यह सोचना गलत है कि पूरी प्रणाली किसी साजिश के तहत काम कर रही है। यह मशीन या मानव त्रुटि हो सकती है और ऐसी गलतियों की पहचान कर उन्हें सुधारने का अभियान चलाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) योजना इसी उद्देश्य से लागू की गई थी, ताकि मतदाता सूचियों में मौजूद त्रुटियों को सुधारा जा सके। -एजेंसी इनपुट के साथ






