
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वृहद आर्थिक स्थिति और वैश्विक परिस्थितियों पर गौर करते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने अमेरिकी शुल्क के प्रभावों से निपटने के लिए ‘बेहद संतुलित’ अर्थव्यवस्था को समर्थन देने वाले कदमों की भी घोषणा की। आरबीआई के रेपो दर में कटौती से आवास, वाहन और वाणिज्यिक कर्ज सस्ता होने की उम्मीद है, लेकिन पिछले अनुभव बताते हैं कि यह कटौती सिर्फ बैंकों के ही काम आई है। बैंकों ने अपने जमा पर ब्याज दरें तो घटाई, लेकिन उपभोक्ता के कर्ज की दरों को पहले की तरह ही रखा।
अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.8 – प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा महंगाई दर के अनुमान को 2.6 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह वर्ष 2025 में रेपो दर में अब तक कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है।
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आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25% घटाकर 5.25% करने का निर्णय किया है। रेपो दर में इस कटौती से आरबीआई ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 90 के भी पार चले जाने से जुड़ी आशंकाएं दरकिनार करने की कोशिश की है।






