राज ठाकरे और आदित्य ठाकरे को आदित्य का सपोर्ट (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: पिछले महीने पूर्व मुख्यमंत्री और ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे तथा मनसे प्रमुख राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। दोनों नेताओं ने संकेतपूर्ण बयान देकर संभावित राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा किया था। इसके बाद दोनों ही नेता विदेश यात्रा पर चले गए, जिससे यह चर्चा थोड़ी धीमी पड़ गई थी।
हालांकि, अब एक बार फिर राज और उद्धव ठाकरे की संभावित युति को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने इस संबंध में कहा है कि हम सकारात्मक हैं। इसी पृष्ठभूमि में अब पूर्व मंत्री और ठाकरे गुट के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी राज ठाकरे के साथ संभावित युति पर कहा कि महाराष्ट्र के हित में जो भी साफ दिल से साथ आना चाहता है, हम उसे साथ लेंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम स्वच्छ नियत के साथ आगे बढ़ रहे हैं, कोई सेटिंग की राजनीति नहीं करेंगे। साद-प्रतिसाद, ताली यह राजनीति में चलता रहता है, लेकिन हम महाराष्ट्र के भविष्य की बात कर रहे हैं। जो भी साथ आना चाहे, हम साथ लेंगे। आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि मैं किसी एक पार्टी के बारे में नहीं बोल रहा हूं। उनके इस वक्तव्य से यह संकेत मिल रहे हैं कि वे अपने चाचा राज ठाकरे के साथ युति को लेकर सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं।
इससे पहले संभावित निकाय चुनावों को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी अपने कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण आदेश दिया था। राज ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वे किसी से युति या गठबंधन का इंतजार न करें और चुनावी तैयारी शुरू कर दें। इससे राज की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे।
विपक्ष के खिलाफ सरकार का नया पैंतरा, शरद पवार बोले- PMLA को बनाया हथियार
सितंबर-अक्टूबर में निकाय चुनाव कराए जाने की चर्चाओं के बीच राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि गठबंधन या युति का इंतजार न करें। उसके बारे में मैं देखता हूं कि क्या करना है, आप चुनाव की तैयारी शुरू करें। मनसे कार्यकर्ताओं को दिए गए राज के संदेश ने मनपा चुनाव भी विधानसभा की तर्ज पर अपने दम पर लड़ने के संकेत दिए हैं। लेकिन अचानक मिले राज के इस आदेश के कारण मनसे कार्यकर्ताओं के साथ-साथ राज्य के कई सियासी दलों के प्रमुख नेता भी दुविधा में दिखाई दिए।