महाराष्ट्र में सोने-चांदी के भाव धड़ाम! (सौजन्यः सोेशल मीडिया)
Mumbai News: दिवाली के मौके पर लक्ष्मी पूजन और पड़वा के अवसर पर जलगांव के स्वर्ण बाज़ार में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। इस शुभ अवसर पर सोना खरीदने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक सोने की दुकानों पर उमड़ पड़े। इसी तरह, महाराष्ट्र में सोने और चाँंदी के भावों में भारी गिरावट आई है। 24 घंटों में सोने के भाव 6,000 रुपये और चांदी के भाव 7,000 रुपये तक गिर गए हैं।
दिवाली पड़वा के मौके पर 22 अक्टूबर को सुबह से ही सोना खरीदने के लिए ग्राहकों का तांता लगना शुरू हो गया था। स्वर्ण नगरी जलगांव में दोपहर बाद महज दो घंटे में सोने-चांदी के दाम फिर गिर गए हैं। महज 3 घंटे में सोना 1500 रुपये और चांदी 2000 रुपये तक गिर गई है। एक ही दिन में सोने की कीमत 6000 रुपये और चांदी की कीमत 7000 रुपये तक गिर गई है। सोने की कीमत बिना जीएसटी के 1 लाख 23 हजार रुपये और चांदी की कीमत बिना जीएसटी के 1 लाख 58 हजार रुपये तक गिर गई है।
जलगांव के सर्राफा बाजार में आज पड़वा के मौके पर सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। 24 घंटे में सोने की कीमत में चार हजार पांच सौ रुपये और चांदी की कीमत में पांच हजार रुपये की गिरावट आई है। सोने की कीमत जीएसटी सहित 1 लाख 28 हजार 200 और चांदी की कीमत बिना जीएसटी के 1 लाख 64 हजार 800 पर आ गई है। दिवाली के दौरान पड़वा के मौके पर सोने और चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। यह दिवाली के दौरान खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है और सोना-चांदी खरीदने के लिए ग्राहकों की बड़ी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
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उपभोक्ता भी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं कि पिछले साल की तुलना में सोने की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण आम उपभोक्ताओं का बजट चरमरा गया है। ज्वैलर्स के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता, डॉलर-रुपये की विनिमय दर में बदलाव और तेल की बढ़ती कीमतों के कारण सोने की कीमत में वृद्धि हो रही है।
पिछले कुछ दिनों में सोने के बाज़ार में तेज़ी देखी गई है। हालांकि, इसका सोने की खरीदारी पर कोई असर नहीं पड़ा है। इंडियन बिलियन्स एसोसिएशन के प्रवक्ता कुमार जैन ने बताया है कि धनतेरस के दिन देशभर में 125 टन सोना बिका। सोने में निवेश से अच्छा रिटर्न मिलता है, इसलिए लोग सोना खरीदने के लिए उत्सुक हैं। साथ ही, उपभोक्ताओं का कहना है कि वे विलासिता की वस्तुओं की बजाय सोना खरीदने को तरजीह दे रहे हैं।