मुंबई पुलिस (pic credit; social media)
Mumbai News In Hindi: अत्यधिक प्रदूषित इलाकों में कार्यरत पुलिसकर्मी अब स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे हैं। शिवाजी नगर, देवनार, मानखुर्द, ट्रॉम्बे और तिलक नगर जैसे इलाकों के पुलिस स्टेशनों में तैनात पुलिस अधिकारी और कर्मचारी पिछले चार वर्षों से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं।
चुनाव आयोग के निर्देशों के बावजूद 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान भी तबादले नहीं हुए, अब जब बीएमसी चुनाव निकट हैं, तब भी यह प्रक्रिया ठप पड़ी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, करीब 60 प्रतिशत पुलिसकर्मी चार से पांच वर्षों से एक ही थाने में कार्यरत हैं।
प्रशासनिक संतुलन बिगड़ा लापरवाही के कारण न केवल प्रशासनिक संतुलन बिगड़ा है, बल्कि पुलिसकर्मियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी तेजी से गिर रहा है। इन थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र मुंबई के सबसे प्रदूषित इलाकों में गिने जाते हैं।
देवनार डंपिंग ग्राउंड, बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट, सीमेंट फैक्ट्री और स्लॉटर हाउस जैसे संस्थान प्रतिदिन भारी मात्रा में जहरीला धुआं और गंदगी फैलाते हैं। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, इन इलाकों की वायु गुणवत्ता ‘पुअर’ से ‘वेरी पुअर’ श्रेणी में है।
इस सांस और फेफड़ों से जुड़ी समस्या से जूझ रही पुलिस इन इलाकों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों का कहना है कि लगातार प्रदूषण के बीच काम करने से उन्हें सांस और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो रही हैं। कुछ जवानों डीको अस्थमा, एलर्जी और त्वचा संबंधी समस्याएं कभी हुई हैं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई कर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट में टीबी और कैंसर के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर तबादला प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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चुनाव आयोग ने हर चुनाव से पहले यह आदेश जारी किया था कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को चार साल से अधिक एक ही यद या स्थान पर न रखा जाए। इसके बावजूद मुंबई पुलिस में इन आदेशों की अनदेखी जारी है। सूत्रों के अनुसार, उच्च अधिकारियों द्वारा तबादला प्रस्तावों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।