महायुति के मंत्रियों के फोन टैप किए जा रहे हैं! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति से बड़ी खबर सामने आ रही है। महायुति सरकार को बने अभी सिर्फ सात महीने हुए हैं, लेकिन इन सात महीनों में कई नेताओं पर तरह-तरह के आरोप लगे हैं। इन आरोपों का असर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति पर पड़ सकता है। इसलिए संभावना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल विवादास्पद नेताओं को घर का रास्ता दिखा देंगे।
चर्चा यह भी है कि फडणवीस मंत्रिमंडल में साफ-सुथरे और नए चेहरों को मौका देंगे। बेशक, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन चर्चा है कि पर्दे के पीछे बड़ी बातें हो रही हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार ने दावा किया है कि ऐसी चर्चा है कि राज्य मंत्रिमंडल में मंत्रियों के फोन टैप किए जा रहे हैं। इससे हड़कंप मच गया है।
काही मंत्र्यांचे फोन बऱ्याचदा #not_reachable येत असून आपले फोन टॅप होत असल्याने मंत्री स्वतःहूनच फोन बंद ठेवततात, अशी चर्चा दबक्या आवाजात सुरुय.
बघुया या केवळ चर्चा आहेत की वास्तव हे येत्या काळात कळेलच..! — Rohit Pawar (@RRPSpeaks) July 25, 2025
विधायक रोहित पवार ने अपने ‘X’ अकाउंट पर एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने राज्य की राजनीति को लेकर एक बड़ा दावा किया है। रोहित पवार ने कहा, “कुछ मंत्रियों के फ़ोन अक्सर नॉट-रीचेबल रहते हैं और मंत्री फ़ोन बंद कर रहे हैं क्योंकि उनके फ़ोन टैप किए जा रहे हैं, यह एक धीमी आवाज़ में चल रही चर्चा है। देखते हैं ये सिर्फ़ बातें हैं या आने वाले समय में हक़ीक़त पता चलेगी..!”
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महागठबंधन में शीत युद्ध की चर्चा हमेशा होती रहती है। इस सरकार के गठन के समय भी शीत युद्ध देखने को मिला था। शुरुआत में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण विभागों की भी मांग की थी। लेकिन उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा सकीं। उन्हें मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी छोड़नी पड़ी। साथ ही, सरकार बनने के बाद से नासिक और रायगढ़ जिलों के पालक मंत्री पद को लेकर विवाद अभी तक नहीं सुलझा है।
शिवसेना के मंत्री अक्सर वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा एकनाथ शिंदे से धन वितरण को लेकर शिकायत करने की बात करते हैं। हाल ही में, भाजपा विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री से शिकायत करने की चर्चा है कि एकनाथ शिंदे का नगर विकास विभाग धन वितरण में अनुचित व्यवहार कर रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने तय किया है कि नगर विकास विभाग की कोई भी फाइल उनके हस्ताक्षर के बिना आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।