वारिस पठान (सौजन्य-एक्स)
मुंबई: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा में बहुमत से पारित हो चुका है। आज 3 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया। निचले सदन में इस पर 12 घंटे बहस हुई। इसके बाद विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक पर कई तरह की चर्चाएं हुई। इस विधेयक का खंडन करते हुए एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने इसे काला दिन बताया।
वक्फ संशोधन विधेयक पर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, “यह हमारे देश के मुसलमानों के लिए एक और काला दिन है। हमने देखा है कि जब से वे सत्ता में आए हैं, उन्होंने केवल नफरत फैलाई है और यह कल उनके द्वारा दिखाए गए उदाहरणों में से एक है। यह पूरी तरह से एक असंवैधानिक विधेयक है। यह मुसलमानों पर सीधा हमला है और वे केवल हमारी वक्फ संपत्तियों को हड़पना चाहते हैं।”
वारिस पठान ने आगे कहा, “हम अपने संविधान के अनुसार इस विधेयक के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे। हम सभी कानूनी रास्ते अपनाएंगे। उन्होंने दिखा दिया है कि उनके पास ताकत है और वे जो चाहें करेंगे। यह तानाशाही से कम नहीं है, ये उन्होंने दिखा दिया है। हम अपना विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक मोदी सरकार इसे वापस नहीं ले लेती।”
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: On Waqf Amendment Bill, AIMIM National Spokesperson Waris Pathan says, “It is another dark day for the Muslims in our country. We have seen ever since they have come to power, they have only spread hatred and this is one of the examples they have… pic.twitter.com/PD0fyzlxqI
— ANI (@ANI) April 3, 2025
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक की प्रति फाड़े जाने पर उन्होंने कहा, “उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण दिया कि जब वे व्यथित थे तो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के एक कानून को फाड़ दिया था। उनकी अंतरात्मा ने भी कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है, भाजपा देश को बांटने की कोशिश कर रही है धर्म के नाम पर और इसलिए विरोध में, उन्होंने विधेयक को फाड़ दिया। इसमें क्या गलत है। अगर मैं होता तो मैं भी विधेयक फाड़ देता।”
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वारिस पठान ने आगे कहा, “अगर मैं उनकी जगह होता तो मैं भी यही करता। कोई भी मुस्लिम चेतना ऐसे कानूनों को पारित होने की अनुमति नहीं देगी। वास्तव में, मैं इसे फाड़ देता और हवा में फेंक देता। यह हमारे समुदाय पर सीधा हमला है।”