अनिल परब और उद्धव ठाकरे (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: शिवसेना यूबीटी नेता के बयान ने राज्य में हंगामा खड़ा कर दिया है। अनिल परब ने खुद की छत्रपति संभाजी महाराज से कर दी, जो कि अब उनके भारी पड़ने वाला है। अनिल परब के बयान पर आज विधान भवन में भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके निलंबन की मांग की। अब ये निलंबन की मांग सत्र के दौरान पूरे विधानसभा में छाई है।
शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, “अनिल परब ने जो किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। खुद की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महापुरुष से करना अनुचित है। इस तरह का व्यवहार केवल तमाशा खड़ा करने की कोशिश करने वाले व्यक्ति की मानसिकता को दर्शाता है।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब के बयान पर शिवसेना नेता और मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, “किसी को पार्टी में लाने के लिए इतने बड़े बयान देने की जरूरत नहीं है। अनिल परब क्या हैं? वे विधान परिषद के सदस्य हैं, वे पार्टी में क्या लाएंगे? लेकिन खुद का कद बढ़ाने के लिए वे इस तरह की बेबुनियाद तुलना करते हैं। और खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज से कर रहे हैं? संभाजी महाराज कहां हैं और आप कहां हैं? आपको एक छोटे कार्यकर्ता की तरह काम करना चाहिए, बिना किसी शोर-शराबे के।”
Mumbai: On Shiv Sena (UBT) leader Anil Parab statement, Shiv Sena leader and Minister Sanjay Shirsat says, "There's no need to make such big statements just to get someone into the party. What is Anil Parab? He is a member of the legislative council, what will he bring to the… pic.twitter.com/aYAxs9b0Vl
— IANS (@ians_india) March 7, 2025
भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “छत्रपति संभाजी महाराज से खुद की तुलना करने वाले अनिल परब के लिए उद्धव ठाकरे क्या मांग करेंगे? 24 घंटे बीत चुके हैं और उद्धव ठाकरे अभी भी इस बारे में चुप हैं। घाटकोपर गुजराती बहुल इलाका है, इसलिए वे स्वाभाविक रूप से एक दूसरे से गुजराती में बात करते हैं; बस इतना ही कहना है। हमने बार-बार दोहराया है कि मुंबई और महाराष्ट्र में भाषा हमेशा मराठी ही रहेगी।”
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अपने पार्टी कार्यकर्ता के इस तरह के बयान के बाद भी उद्धव ठाकरे का कोई जवाब नहीं आया है। इससे अब ये कयास लगाए जा रहे है कि महाराष्ट्र में अपनी सच्चा बचाए रखने के लिए उद्धव ठाकरे अनिल परब से रिश्ता तोड़ सकते है।
अनिल परब ने अपने बयान में कहा था कि जिस तरह छत्रपति संभाजी महाराज पर अत्याचार हुआ, उसी तरह उन पर भी पार्टी बदलने के लिए काफी दबाव डाला गया था। इतनी ही नहीं बल्कि अलग-अलग एजेंसियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की। अनिल परब ने आगे कहा कि संभाजी महाराज के विचार और उनकी विरासत को अगर किसी ने आगे बढ़ाया है, तो वह छावा फिल्म में दिखने मिलेगा और मुझमें।