अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News: दिवाली का त्योहार नजदीक है, लेकिन महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक संग्राम जगताप के एक बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। संग्राम जगताप ने कहा था कि दिवाली पर केवल हिंदू दुकानदारों से ही खरीदारी करनी चाहिए।
एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने ही पार्टी विधायक संग्राम जगताप के इस बयान पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी इस तरह के विचारों को स्वीकार नहीं करती और विधायक को पहले भी इस बारे में समझाया गया था, लेकिन कोई बदलाव नहीं आया। इसलिए अब उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
जहां एक ओर अजित पवार ने इस बयान की आलोचना की है, वहीं बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जगताप का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वह जगताप के विचारों से सहमत हैं और उनका समर्थन करते हैं।
इस बीच अकोला में संग्राम जगताप के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। यह शिकायत एनसीपी (शरद पवार गुट) के एक पदाधिकारी ने दर्ज कराई है। इसी घटनाक्रम के बीच 14 अक्टूबर (मंगलवार) को बीड में ‘हिंदू जनाक्रोश मोर्चा’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जगताप के शामिल होने की संभावना है।
संग्राम जगताप का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह लोगों से दिवाली के दौरान केवल हिंदू व्यापारियों से खरीदारी करने की अपील करते नजर आ रहे हैं। बाद में उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र किया और कहा कि वहां लोगों को धर्म के आधार पर मारा गया था। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि दिवाली की खरीदारी करते वक्त लोगों को विक्रेताओं का धर्म पूछकर ही खरीदारी करनी चाहिए।
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अजित पवार ने कहा कि यह बयान एनसीपी की विचारधारा के बिल्कुल खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पार्टी की नीतियां स्पष्ट हैं, और कोई भी विधायक इस तरह के भड़काऊ बयान नहीं दे सकता। अजित पवार ने यह भी याद दिलाया कि जब तक संग्राम के पिता अरुणकाका जगताप जीवित थे, तब तक क्षेत्र में सब कुछ शांतिपूर्ण था। उन्होंने सलाह दी कि अपने पिता की गैरमौजूदगी में अब संग्राम को जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए।