अजित पवार और एकनाथ शिंदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में रायगढ़ और नासिक जिले के पालक मंत्री पद को लेकर घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के दावे की वजह से इन दोनों सीटों पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। लेकिन आगामी तीन-चार महीनों में होनेवाले निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में शिवसेना शिंदे गुट कुछ नरमी बरतने को तैयार हुआ है।
शिवसेना की ओर से समझौते के लिए एक प्रस्ताव दिया गया है। प्रस्ताव के अनुसार शिंदे गुट नासिक पर दावा छोड़ने को तैयार हो गया है लेकिन रायगढ़ पर अपना दावा जारी रखा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने बीजेपी नेता व मंत्री गिरीश महाजन को नासिक का तो वहीं अजित की राकां की मंत्री अदिति तटकरे को रायगढ़ जिले का पालक मंत्री घोषित किया था। लेकिन शिवसेना (शिंदे गुट) के विरोध की वजह से सीएम फडणवीस ने इस निर्णय को स्थगित कर दिया था।
शिवसेना (शिंदे गुट) से मंत्री दादा भुसे नासिक का पालक मंत्री बनना चाहते हैं जबकि रायगढ़ से शिवसेना (शिंदे गुट) के ही मंत्री भरत गोगावले पालक मंत्री पद के लिए ताल ठोक रहे हैं। निर्णय में देरी की वजह से नाराज गोगावले, राकां (अजित पवार) के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुनील तटकरे पर अब तक कई बार तीखे हमले कर चुके हैं। जवाब में तटकरे व राकां की ओर से भी जबरदस्त पलटवार होता रहा है।
गोगावले और तटकरे के बीच जारी वाकयुद्ध की वजह से महायुति सरकार की किरकिरी हो रही है और विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का अवसर मिल रहा है। ऐसे में आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए शिवसेना ने पालक मंत्री पद के विवाद को सुलझाने का फार्मूला महायुति में रखा है। इस बारे में गोगावले ने कहा है कि रायगढ़ जिले में शिवसेना संख्याबल के मामले में सरस है। इसलिए शिवसेना के वर्चस्व को देखते हुए रायगढ़ शिवसेना को दे दिया जाए। जबकि नासिक जिले का पालकमंत्री का अजित की राकां को दिया जा सकता है।
शिवसेना के नए फार्मूले से गेंद बीजेपी और अजित के पाले में आ गई है। क्योंकि एक तरफ सुनील तटकरे के लिए रायगढ़ प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। वहीं दूसरी तरफ नासिक के पालक मंत्री घोषित किए गए मंत्री गिरीश महाजन, सीएम फडणवीस के करीबी नेता माने जाते हैं। तो बीजेपी, महाजन को हटा कर राकां के लिए पालकमंत्री का पद छोड़ेगी, यह भी सवाल है।
यहां पेंच अजित के लिए भी पेश आएगा। क्योंकि नासिक जिले में उनकी पार्टी के दो नेता मंत्री हैं। वरिष्ठता के आधार पर मंत्री छगन भुजबल को नासिक जिले का पालक मंत्री बनाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि भुजबल को बीजेपी ने अजित की इच्छा के खिलाफ मंत्री बनाया है। ऐसे में अजित, भुजबल को पालक मंत्री बनाएंगे?