मुंबई के RA स्टूडियो में 7 घंटे चला फिल्म जैसा ड्रामा (डिजाइन फोटो)
Mumbai RA Studio Hostage Drama Timeline: मायानगरी मुंबई के पवई स्थित आरए फिल्म स्टूडियो में गुरुवार को दोपहर में फिल्मी अंदाज में रोहित आर्या नामक सिरफिरे ने 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बना लिया। इस घटना ने बच्चों के माता-पिता समेत मुंबई पुलिस को हिलाकर रख दिया। हालांकि कुछ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे सकुशल बचा लिए गए, लेकिन घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए।
किसी स्टूडियो में ऑडिशन के लिए आए बच्चों को बंधक बनाए जाने की यह पहली घटना है। पुलिस की हिरासत में लेने की कोशिश रोकने आरोपी ने एयरगन से फायर कर दिया। पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसे भी गोलियां लगीं। उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटनाक्रम अंत तक पुलिस और आमजन में सिहरन भरता रहा।
यह सिलसिला पिछले 10 दिनों से चल रहा था। गुरुवार को भी सुबह करीब 100 बच्चे ऑडिशन के लिए पहुंचे थे, जिनमें से करीब 80 बच्चों को रोहित ने ऑडिशन के बाद लौटा दिया था। 17 बच्चे और 2 अन्य लोगों को रोक लिया गया। कुछ देर बाद बच्चों को स्टूडियों के पहले फ्लोर पर एक हॉल में युवक द्वारा बंद कर दिया गया।
बच्चों के बंधक बनाने के बाद रोहित आर्या ने सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल किया, जिसमें उसने खुद को बच्चों को बंधक बनाने याला बताते हुए कहा कि उसने यह सब एक योजना के तहत किया है। उसने बच्चों को इसलिए बंधक बनाया है ताकि वह कुछ लोगों से बातचीत कर सके।
वीडियों में कहा कि उसकी कोई वित्तीय मांग नहीं, बल्कि उसकी मागे नैतिकता से जुड़ी है। वह आतंकवादी नहीं, केवल सवाल पूछना और उनके जवाब चाहता है। चेतावनी दी कि अगर पुलिस या कोई और आक्रामक कदम उठाता है, तो वह बच्चों को नुकसान पहुंचाएगा। उसने सभी से अपील की कि उसे ट्रिगर न किया जाए।
आरोपी का वीडियो मैसेज सामने आते ही अभिभावकों, स्टूडियो स्टॉफ और आस-पास के लोगों में हड़कंप की स्थिति बन गई। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग स्टूडियो के बाहर एकत्र हो गए। बंधक बच्चे स्टूडियो की खिड़की से खुद को बचाने के लिए रोते हुए दिखाई दे रहे थे।
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ऑडिशन के लिए आए सभी बच्चों की उम्र 4 से 5 वर्ष की थी। इनमें कुछ लड़कियां भी शामिल थीं। पुलिस ने आनन-फानन स्टूडियो के बाहर बैरिकेड्स लगाकर स्थिति नियंत्रित की और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कुछ घंटों बाद बाथरूम के रास्ते प्रवेश कर पुलिस ने स्थितियों को अपने कब्जे में ले बच्चों को सकुशल बचाया।
मुंबई पुलिस के डीसीपी दत्ता किशन नलावड़े ने बताया कि वीडियो मैसेज सामने आने के बाद पुलिस की डायलॉग टीमों ने शुरू में आरोपी से शांति से बात करने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी, तो क्विक रिस्पॉन्स टीम और स्पेशल यूनिट्स ने बिल्डिंग पर धावा बोल दिया।
बच्चों की मौजूदगी को देखते हुए बचाव अभियान काफी चुनौतीपूर्ण था। अधिकारी अंदर जाने और पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बाथरूम के रास्ते अंदर घुसे। सावधानी के साथ आरोपी के पास तक पहुंचे। इस बीच ऑपरेशन के दौरान फायर ब्रिगेड ने पीआरटी किट, वेबर रेस्क्यू टूल्स और चार्ज्ड होजलाइन तैयार रखी थी ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
पुलिस ने 2 घंटे के भीतर सभी बच्चों को सुरक्षित ऑपरेशन चलाकर बाहर निकाल लिया, जबकि एयरगन से फायर करने के बाद पुलिस मुठभेड़ में रोहित आर्या को भी गोली लगी। उसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई।