प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai Digital Arrest Crime News: मुंबई पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ की धमकी देकर साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में, मुंबई पुलिस की एक टीम ने गुजरात के मेहसाणा और अहमदाबाद से छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों ने एक ऐसे बड़े धोखाधड़ी मामले को उजागर किया है, जिसमें एक 72 वर्षीय व्यवसायी से 58 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी।
‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका है। ऐसे मामलों में, धोखेबाज पीड़ितों को ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं और खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताते हैं, जैसे कि वे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED), एटीएस नयी दिल्ली या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी हों। वे पीड़ितों को डराते हैं और उन्हें उनके घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने एनआईए प्रमुख और आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते के नाम का भी दुरुपयोग किया। 58 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में, आरोपियों ने व्यवसायी और उनकी पत्नी को दो महीने तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा था।
इस गिरोह के पकड़ में आने की शुरुआत तब हुई जब पुलिस मध्य मुंबई के एक बुजुर्ग से जुड़े 70 लाख रुपये की ठगी के मामले की जांच कर रही थी।
गिरोह के संचालन की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मुख्य आरोपी, युवराज उर्फ मार्को उर्फ लक्ष्मण सिंह सिकरवार (34), सीधे चीन और कंबोडिया में बैठे ठगों के संपर्क में था। अंतरराष्ट्रीय ठग ही इस गिरोह को बैंक खातों और ठगी गई राशि के लेन-देन से जुड़े निर्देश देते थे।
चीन और कंबोडिया में बैठे ये आरोपी लोगों को मोबाइल पर एक ‘एपीके’ (APK) फाइल भेजते थे। जैसे ही पीड़ित इस फाइल को डाउनलोड करते थे, ठग मोबाइल का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते थे।
इसके बाद वे फोन में मौजूद जानकारी का इस्तेमाल करके लोगों से धोखाधड़ी करते थे। युवराज, जिसे इस गिरोह का सरगना बताया गया है, पिछले तीन वर्षों से साइबर धोखाधड़ी में शामिल था और उसे हर ठगी पर तीन प्रतिशत कमीशन मिलता था।
पुलिस उपायुक्त (जोन-चार) रागसुधा आर. ने गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों की पहचान की है। इनमें सुरेशकुमार मगनलाल पटेल (51), मुसरन इकबालभाई कुंभार (30), चिराग महेश चौधरी (29), अंकित कुमार महेशभाई शाह (40), वासुदेव उर्फ विवान वालजीभाई बारोट (27), और युवराज उर्फ मार्को उर्फ लक्ष्मण सिंह सिकरवार (34) शामिल है।
जांच से पता चला है कि इन गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मुंबई, बेंगलुरु, भोपाल, आगरा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, केरल और पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 31 मामले दर्ज हैं।
पुलिस ने बताया कि युवराज इस गिरोह का सरगना है और वह सीधे अंतरराष्ट्रीय ठगों के संपर्क में था। वह पिछले तीन वर्षों से साइबर धोखाधड़ी में लिप्त था और हर ठगी पर उसे तीन प्रतिशत कमीशन मिलता था।
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मुंबई पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मुंबई, बेंगलुरु, भोपाल, आगरा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, केरल और पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 31 मामले दर्ज हैं।
अब तक पुलिस ने 15 बैंक खाते अपने नियंत्रण में ले लिये हैं और करीब 10.5 लाख रुपये की राशि का लेन-देन रोका गया है। उन्होंने बताया कि गुजरात और राजस्थान में कुछ और वांछित आरोपी भी हैं।
अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि चीन और कंबोडिया में बैठे आरोपी लोगों को मोबाइल पर ‘एपीके’ फाइल भेजते थे और जब ये फाइल डाउनलोड कर ली जाती थीं तो ठग मोबाइल का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते जिसके बाद फोन में मौजूद जानकारी का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी करते थे।