BMC Election:मुंबई उच्च न्यायालय (सोर्सः सोशल मीडिया)
Bombay High Court: मुंबई उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को निकाय चुनाव ड्यूटी पर उपस्थित रहने का आदेश देने संबंधी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त के पत्रों पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में बीएमसी आयुक्त की शक्ति और अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाए हैं।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ ने मंगलवार देर रात मुख्य न्यायाधीश के आवास पर हुई विशेष सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि बीएमसी आयुक्त को उच्च न्यायालय या अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों की सेवाएं चुनाव ड्यूटी के लिए लेने संबंधी कोई पत्र या संचार जारी करने से रोका जाता है। उल्लेखनीय है कि बीएमसी आयुक्त ही जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय की प्रशासनिक न्यायाधीश समिति ने सितंबर 2008 में निर्णय लिया था कि उच्च न्यायालय और राज्य की सभी अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से छूट दी जाएगी।
अदालत ने 22 दिसंबर को जारी उस पत्र का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें बीएमसी प्रमुख ने शहर की सभी अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को 15 जनवरी को होने वाले निकाय चुनाव के लिए ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था।
उसी दिन, मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने बीएमसी आयुक्त और मुंबई शहर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उच्च न्यायालय के प्रशासनिक निर्णय की जानकारी दी और अदालत कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से छूट देने का अनुरोध किया। इसी प्रकार का पत्र रजिस्ट्रार (निरीक्षण) की ओर से भी भेजा गया था। इसके बावजूद, बीएमसी आयुक्त ने 29 दिसंबर को पत्र जारी कर मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को सूचित किया कि अदालत कर्मचारियों को छूट देने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया है।
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बीएमसी की ओर से पेश अधिवक्ता कोमल पंजाबी ने अदालत से आयुक्त द्वारा जारी पत्र वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया। इसके बाद पीठ ने नगर निकाय आयुक्त-सह-जिला निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि उन्होंने जिला न्यायपालिका के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का आदेश किस शक्ति और अधिकार क्षेत्र के तहत जारी किया।
अदालत ने भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र सरकार को भी हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी। सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए और अदालत को बताया कि आयोग सामान्यतः चुनाव ड्यूटी के लिए अदालत कर्मचारियों की सेवाएं नहीं लेता।
(एजेंसी इनपुट के साथ)