अजित पवार-देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: महायुति सरकार में अपने कारनामों से विवादों में रहने वाले मंत्रियों को मंगलवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जम कर हड़काया। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि अब किसी भी तरह की विवादित बयानबाजी के अलावा ऐसे कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिससे सरकार की साख पर बट्टा लगे। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक के बाद विवादित मंत्रियों की जमकर क्लास ली।
उन्होंने खास तौर से एकनाथ शिंदे गुट के संजय शिरसाट व अजित पवार गुट के माणिक राव कोकाटे को निशाने पर लिया। फडणवीस ने कोकाटे को अपने कृषि मंत्रालय के काम पर ज्यादा ध्यान देने को कहा। हाल ही में समाप्त विधान मंडल के मानसून सत्र में कोकाटे अपने मोबाइल फोन पर कथित रूप से रमी गेम खेलते हुए पकड़े गए थे।
साथ ही उन्होंने अपनी ही सरकार को भिखारी कह कर संबोधित किया था, जिस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा एतराज जताया। उन्होंने सख्त लहजे में कोकाटे से कहा कि इस तरह की बयानबाजी भविष्य में नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने शिंदे गुट के कैबिनेट मंत्री शिरसाट को भी विवादों से बचने की नसीहत दी। यूबीटी के सांसद संजय राउत ने शिरसाट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें वे कथित रूप से अपने घर के एक कमरे में नोटों से भरे बैग के साथ नजर आ रहे थे। हालांकि, शिरसाट ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि बैग में नोट नहीं बल्कि कपड़े थे। हाल के महीनों में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट और भरत गोगावले जैसे अन्य मंत्रियों के बयानों की वजह से सरकार को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा है।
साथ ही शिंदे गुट से गृह राज्य मंत्री योगेश कदम भी अपनी मां के नाम पर बीयर बार चलाने की वजहों से विपक्ष के निशाने पर हैं। ये सभी मंत्री सरकार के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। इन मंत्रियों से इस्तीफा लेने का सरकार पर भारी दबाव है। हालांकि फिलहाल इन्हें गंभीर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है लेकिन ये रिलीफ कितने दिनों के लिए है, यह कहना मुश्किल है।
सीएम ने इन मंत्रियों को नसीहत दी है कि वे कम बोलना सीखें, जितना कम बोलेंगे, उतना अच्छा है। साथ ही, उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मंत्रियों ने अपना रवैया नहीं बदला तो हर बार आपको कोई नहीं बचा पाएगा। फडणवीस ने इन मंत्रियों से कहा है कि वे मीडिया के सामने बेवजह विवाद पैदा करने वाले बयान न दें। नहीं तो आने वाले दिनों में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
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शिंदे गुट के कैबिनेट मंत्री भरत गोगावले ने अपने एक बयान में कहा था कि बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे आसानी से अपने वर्तमान पद पर नहीं पहुंचे। इसके लिए उन्हें कई आपराधिक मामलों का सामना करना पड़ा, वह जेल गए और झगड़ों व ‘हत्या’ जैसी घटनाओं में भी शामिल रहे। उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान के लिए माफी मांग ली थी। गोगावले की अघोरी पूजा को लेकर भी विपक्ष ने उन पर निशाना साधा था।