महिलाओं और बच्चों की योजनाओं में कटौती?
Meera-Bhayander: मीरा- भाईंदर मनपा (MBMC) के महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा जारी 1.40 करोड़ रुपए की चुनाव-संबंधी निविदा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
एड. कृष्णा गुप्ता ने आरोप लगाया है कि यह राशि मूल रूप से महिलाओं और बच्चों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए तय थी, जिसे चुनावी व्यवस्थाओं पर खर्च किया जा रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर मनपा आयुक्त व प्रशासक राधाबिनोद शर्मा और मुख्य लेखा परीक्षक को लिखित शिकायत देकर इसकी तत्काल जांच की मांग की है।
बता दें कि मनपा चुनाव 2025 की तैयारियों के लिए अलग-अलग विभागों ने अपनी-अपनी जरूरतों के अनुसार निविदाएँ जारी की हैं। जिसमें महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से चाय, कॉफी, नाश्ता और भोजन कंटेनर की सप्लाई के लिए 1.40 करोड़ रुपए की भारी निविदा जारी होना कई सवाल खड़े करता है। एड। गुप्ता के अनुसार यह विभाग महिलाओं और बच्चों की योजनाओं के लिए बनाया गया है, और चुनावी कार्य इससे बिल्कुल अलग विषय है।
एड. गुप्ता ने दावा किया कि महिला व बाल कल्याण विभाग की निधि पोषण कार्यक्रम, सुरक्षा योजनाएँ, स्वास्थ्य सेवाएँ, सहायता योजनाएँ, और महिला तथा बच्चों के कल्याण के लिए होती है। उन्होंने कहा कि अगर यह रकम चुनाव में खर्च की जा रही है, तो यह निधि के उद्देश्य का उल्लंघन है और इससे भविष्य की कल्याणकारी योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
शिकायत में मनपा से कई मुद्दों पर स्पष्टता मांगी गई है। जिसमें क्या इस निधि को चुनावी खर्च में इस्तेमाल करने की कोई वैध मंजूरी है? क्या किसी अधिकृत अधिकारी ने लिखित रूप से धन के पुनर्विनियोजन की अनुमति दी? किस नियम- कानून के तहत महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने चुनाव से जुड़ी निविदा जारी की? क्या चुनाव विभाग ने इस राशि की मांग की थी? 1।40 करोड़ की इस निविदा का तत्काल वित्तीय ऑडिट किया जाए। यदि नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए,ऐसे 6 मुद्दों का समावेश है।
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आरटीआई कार्यकर्ता एड. कृष्णा गुप्ता ने कहा कि यह मुद्दा सीधे जनता और योजनाओं पर असर डालता है।यदि धन का उपयोग गलत तरीके से किया गया है, तो इससे महिलाओं और बच्चों के लिए चल रही योजनाओं को नुकसान होगा। यह मामला सार्वजनिक हित और पारदर्शिता से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए