एकनाथ शिंदे और अजित पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: महायुति में विवादित मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे व अजित पवार के बीच भिड़ंत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान अजित ने अपने आक्रामक तेवर दिखाते हुए कहा कि पहले शिंदे गुट के विवादित मंत्रियों का इस्तीफा लिया जाना चाहिए। इसके बाद वे अपने मंत्री का इस्तीफा लेंगे।
हालांकि, मीटिंग शुरू होने से पहले अजित ने अपने कृषि मंत्री माणिक राव कोकाटे को खूब खरी-खोटी सुनाई लेकिन कैबिनेट मीटिंग में उनके तेवर अलग दिखाई दिए। इस वजह से कैबिनेट का माहौल गरमा गया। अजित का कहना था कि कोकाटे मोबाइल पर कथित रूप से रमी खेलते हुए पकड़े गए हैं। मैं मानता हूं कि यह लापरवाही है लेकिन कोकाटे पर किसी तरह का आर्थिक आरोप नहीं है।
अजित का इशारा शिंदे गुट के कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट की ओर था, जो कथित रूप से नोटों से भरे बैग के साथ नजर आए। साथ ही शिंदे गुट के ही राज्य मंत्री योगेश कदम के ऊपर अपनी मां के नाम पर बीयर बार चलाने का आरोप है। हालांकि शिंदे ने अपने मंत्रियों का बचाव करते हुए कहा कि शिरसाट व कदम पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसे में वे अपने मंत्रियों का इस्तीफा नहीं लेंगे।
इस बीच सीएम ने माहौल को ठंडा करते हुए कहा कि फिलहाल किसी भी मंत्री से इस्तीफा नहीं लिया जाएगा लेकिन उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि हमें विपक्ष को कोई भी ऐसा मौका नहीं देना है, जिससे उन्हें हमला करने का मौका मिले। मंत्रियों को बार-बार अभयदान नहीं मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक डीसीएम एकनाथ शिंदे ने भी मौजूदा हालात को देखते हुए अपने मंत्रियों व विधायकों को अनुशासन में रहने की नसीहत दी है। उन्होंने खास तौर से अपने मंत्री संजय शिरसाट को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही गृह राज्य मंत्री योगेश कदम को भी थोड़ा लो प्रोफाइल रहने को कहा है। कैबिनेट मंत्री भरत गोगावले को भी सोच समझ कर बयान देने के निर्देश दिए गए हैं। शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार की कमान अब बीजेपी के हाथ में है। ऐसे में बार-बार मंत्रियों को बचाना उनके लिए मुश्किल भरा काम होगा।
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कैबिनेट मीटिंग से पहले अजित पवार ने कृषि मंत्री कोकाटे की जमकर क्लास ली। उन्होंने साफ तौर से कहा कि मैं आपको आखिरी मौका दे रहा हूं, इससे पहले भी आपने कई बार गलती की, लेकिन मैंने उसे माफ कर दिया लेकिन अब अगली बार इसे दोहराया गया तो फिर बचाना असंभव है। कोकाटे, विधानमंडल सत्र के दौरान मोबाइल पर रमी खेलने के अलावा अपनी ही सरकार को भिखारी कहने की वजह से विवादों में फंसे हैं। इस वजह से विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। सीएम भी भिखारी वाले बयान से बेहद नाराज हैं।