सरकार के जीआर की जलाई होली (सौजन्य-एक्स)
मुंबई: राज्य विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से होने जा रही है। इस पृष्ठभूमि में महा विकास अघाड़ी के नेताओं की एक बैठक विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के शासकीय निवास स्थान पर हुई। इसके बाद महा विकास अघाड़ी ने संवाददाताओं के साथ बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने सरकार द्वारा आयोजित चायपान कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार की चाय पर जाना एक पाप है, क्योंकि यह कोई ‘महायुति’ नहीं बल्कि ‘महाझूठी’ सरकार है।
आदित्य ने कहा कि सोमवार से सत्र शुरू हो रहा है। उसकी पूर्वसंध्या पर चायपान कार्यक्रम होता है। लेकिन हमने सोचा कि इस सरकार की चाय पर जाना यानी पाप करना है। यह सरकार एक भाजपा पार्टी और दो गद्दार गुटों की मिलीभगत से चल रही है। यह सरकार तीन दिशाओं में तीन अलग-अलग मुंह से बोल रही है। मंत्रियों में आपस में झगड़े हो रहे हैं — चाहे वो बंगले को लेकर हो या गाड़ियों को लेकर, या फिर यह तय करने को लेकर कि कौन किस जिले का प्रभारी मंत्री होगा।
आदित्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के सामने भी खुलेआम यह कहा जाता है कि ‘मेरा फंड उसने चुरा लिया’। इससे पता चलता है कि इनके बीच समन्वय की भारी कमी है। आदित्य ने तंज कसते हुए कहा कि हमने इसलिए फैसला किया है कि कम से कम चायपान में जाकर ये एक-दूसरे का चेहरा तो देख सकें। भाजपा की नई टैगलाइन अगर ‘दाग अच्छे हैं’ बन भी गई हो, तो भी मंत्रिमंडल में बैठे कई लोग भ्रष्टाचार के दाग लिए बैठे हैं। यही वे लोग हैं जिन पर मुख्यमंत्री ने खुद आरोप लगाए थे, किसी को जेल में डालने की बात कही थी, किसी पर ईडी लगाई थी।
The anti- Maharashtra BJP government has made it compulsory for 1st standard students to learn a 3rd language- Hindi.
The language imposition will not be tolerated in Maharashtra, and more so, beyond politics, it is absolute stupidity to impose this load on such young children.… pic.twitter.com/jf90kn3OqR
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 29, 2025
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की इस भ्रष्ट सरकार में हर रोज कोई न कोई घोटाला सामने आता है। 25 लाख छात्रों के लिए 11वीं कक्षा की पहली प्रवेश सूची घोषित की गई है। हमने आंदोलन की चेतावनी दी थी, शायद उसी डर से यह सूची घोषित कर दी गई। रात में यह खबर मिलने के बाद कई अभिभावकों ने हमें फोन किए। लेकिन इस पहली सूची में भी भारी गड़बड़ियां हुई हैं।
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आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाते हुए कहा एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह गड़बड़ी दादा भुसे ने जानबूझकर किसी कॉलेज को फायदा पहुंचाने के लिए की है? यही वही दादा भुसे हैं, जिन्होंने पहली से पांचवीं तक हिंदी थोपने की कोशिश की है। इस तरह से आदित्य ने सरकार के निर्णयों और कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा।