
आदित्य ठाकरे (सौजन्य-एएनआई)
Mumbai News: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. पहले चरण में 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान होना है, जबकि 31 जनवरी 2026 से पहले राज्य चुनाव आयोग को सभी निकायों के चुनाव संपन्न कराने हैं. लेकिन मतदाता सूची में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने चुनाव आयोग से बड़ी मांग की है.
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के विधायक आदित्य ठाकरे ने सोमवार को राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे से मुलाकात कर उद्धव और राज का पत्र सौंपा. इस मौके पर शिवसेना यूबीटी के नेता अंबादास दानवे और मनसे के नेता बाला नांदगांवकर भी मौजूद थे. शिवसेना (यूबीटी) ने चेतावनी दी है कि यदि मतदाता सूचियां जल्द ठीक नहीं की गई तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे तो वहीं महाविकास आघाडी ने मंगलवार को फिर से चुनाव आयोग से समय मांगा है.
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा, “यह सरकार वोट चुराकर चुनाव जीतना चाहती है. उन्होंने बताया कि मुंबई नगर निगम के लिए वार्ड सीमा घोषित होने के बाद मसौदा मतदाता सूची पहले 7 नवंबर, फिर 14 नवंबर और अंततः 20 नवंबर को आई. विपक्षी दलों ने भुगतान कर सूची प्राप्त की तो उस पर जारी करने की तारीख 14 नवंबर ही छपी थी, जो स्वतः गड़बड़ी का संकेत है. आदित्य ने आरोप लगाया कि सूची का अध्ययन करने पर पता चला कि मतदाता सूचियों में जाति और धर्म के आधार पर बदलाव किए गए हैं. विशेष रूप से विपक्षी दलों और बीजेपी के सहयोगियों के नेताओं के क्षेत्रों में यह गड़बड़ी की गई है, हजारों वोटरों को दूसरे क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया. लेकिन बीजेपी नेताओं के क्षेत्रों में ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट में 18 वर्ष से कम और 100 वर्ष से अधिक उम्र के 6076 वोटरों के नाम दर्ज हैं। विधानसभा चुनाव 2024 में जहां एक वार्ड में 48,000 वोटर थे, अब वहां 42,000 रह गए हैं। यानी 6,000 वोटरों के नाम या तो काट दिए गए या दूसरे वार्डों में डाल दिए गए हैं. उन्होंने इसे “देशद्रोह के समान” करार दिया।
छठी: राज ठाकरे ने मांग की कि या तो 21 दिन का समय दिया जाए या चुनाव रद्द कर सभी सूचियां ठीक करके फिर से चुनाव कराए जाएं।
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बीएमसी ने आगामी चुनाव की प्रारूप मतदाता सूची की तिथि को लेकर सोशल मीडिया और विभिन्न प्रसार माध्यमों में किए जा रहे आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है. बीएमसी के अनुसार प्रारूप मतदाता सूची पर अंकित तारीख को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि तथ्यों के अनुसार कोई अनियमितता नहीं हुई है. बीएमसी ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने जो समय सारिणी जारी किया था. बीएमसी ने स्पष्ट किया कि तिथि संबंधी भ्रम फैलाना या अनियमितता के आरोप लगाना सरासर गलत है. प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सत्यापित जानकारी पर ही भरोसा करें.






