TET के विरोध में मोर्चा निकालते शिक्षक (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Teachers Protest: महाराष्ट्र में टीईटी परीक्षा (Teacher Eligibility Test) की अनिवार्यता के खिलाफ आज बड़े पैमाने पर स्कूल बंद आंदोलन हुआ। पुणे, मुंबई सहित कई जिलों में निजी अनुदानित स्कूल बंद रहे। शिक्षक इसे अनुचित बताते हुए सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर करने और अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता को लेकर शिक्षक वर्ग में भारी रोष है, जिसके चलते राज्यभर में कई शिक्षक संगठनों ने स्कूल बंद आंदोलन का आह्वान किया था। शिक्षक संगठनों का दावा है कि पूरे राज्य में लगभग डेढ़ हजार स्कूलों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यह आंदोलन मुख्य रूप से निजी अनुदानित स्कूलों द्वारा किया गया, हालांकि कुछ बिना अनुदानित और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के स्कूल भी इसमें शामिल हुए।
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यह विरोध सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद भड़का है, जिसमें 53 साल से कम उम्र के सभी शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। संगठनों का कहना है कि जो शिक्षक लंबे समय से नौकरी कर रहे हैं, उनके लिए अचानक इस तरह की अनिवार्यता लागू करना अन्यायपूर्ण है। शिक्षकों ने मांग की है कि राज्य सरकार को इस पर पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए।
टीईटी के विरोध के साथ, शिक्षक संगठन 15 मार्च 2024 के संच मान्यता जीआर का भी विरोध कर रहे हैं। संगठनों का कहना है कि इस जीआर के कारण कई शिक्षकों को अतिरिक्त (excess) माना जा रहा है, जिससे स्कूलों की स्टाफ व्यवस्था बिगड़ जाएगी। इसके चलते विषय-विशेष के शिक्षकों के कम पड़ जाने की आशंका भी जताई जा रही है, इसलिए शिक्षक संगठनों ने संच मान्यता प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।
इस बीच, शिक्षा विभाग ने आंदोलन कर रहे स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई स्कूल बंद पाया जाता है, तो उस स्कूल के मुख्याध्यापक, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा। विभाग ने सभी स्कूल संचालकों को स्कूल खुले रखने का आदेश दिया था।
इस आंदोलन को शिक्षक भर्ती, मुंबई मुख्याध्यापक संगठन, महाराष्ट्र प्रगतिशील शिक्षक संगठन और अन्य कई संगठनों ने समर्थन दिया है। मुंबई मुख्याध्यापक संगठन ने भी स्कूल बंद आंदोलन में शामिल होकर टीईटी और संच मान्यता के फैसलों को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
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शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो नागपुर में होने वाले शीतकालीन अधिवेशन के दौरान 10 दिसंबर को बड़ा धरना आयोजित किया जाएगा। संगठनों का कहना है कि शिक्षा राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है।