
बंदर पकड़ने की नौकरी (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: राज्य सरकार एक ओर जहां रिहायशी इलाकों में तेंदुए के हमले से परेशान हैं। वहीं उत्पात्ती बंदरों ने भी सरकार कि मुश्किलें बढ़ा दी है। ऐसे में बंदर-मानव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की गई है।
शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पाती बंदरों को बिना किसी नुकसान पहुंचाए पकड़कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ने के लिए प्रशिक्षित कैप्चर टीमों की आधिकारिक नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए वन विभाग, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्राम पंचायत के साथ समन्वय करेगा।
इस संबंध में एक सरकारी निर्णय जारी कर दिया गया है। बंदरों के उत्पात की शिकायत मिलने पर, वन क्षेत्राधिकारी तत्काल जांच कर इसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके बाद, प्रशिक्षित व्यक्ति सहायक वन संरक्षकों के निर्देशानुसार जाल, पिंजरे जैसे सुरक्षित तरीकों का उपयोग करके बंदरों को पकड़ेंगे।
प्रत्येक बंदर की तस्वीर या वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद, उन्हें मानव बस्तियों से कम से कम 10 किलोमीटर दूर वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए, स्थानीय सर्वेक्षण, बचाव, साक्ष्य और ‘स्वतंत्रता प्रमाण पत्र’ की आवश्यकता होगी।
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अधिकतम 10 बंदर: 600 रुपये प्रति बंदर
10 से अधिक: 300 रुपये प्रत्येक
अधिकतम भुगतान सीमा 10,000 रुपये
1 से 5 बंदरी की यात्रा लागत 1,000 रुपये
5 से अधिक बदरी के लिए कोई यात्रा व्यय नहीं






