लाडली बहनों की और होगी छंटनी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ (लाडला बहन) योजना की पिछली सात किस्तों के पैसे के भुगतान के पैटर्न को देखते हुए आठवीं किस्त का पैसा अगले 10 से 15 दिनों में लाभार्थी महिलाओं के बैंक अकाउंट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लेकिन इससे पहले लाडली बहन योजना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है।
बताया जा रहा है कि बीते एक महीने (जनवरी) में राज्य में लगभग पांच लाख लाडली बहनों की संख्या घट गई है। ऐसा अपात्र लाभार्थियों को निकाले जाने के कारण ऐसा हुआ है तथा यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि अपात्र लाभार्थी महिलाओं की जांच अभी शुरू चल रही है।
विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना की वजह से बीजेपी नीत महायुति को ऐतिहासिक सफलता मिली थी। चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महायुति सरकार ने लाभार्थी महिलाओं को 6 किस्त का पैसा दे दिया था तथा चुनाव प्रचार के दौरान महायुति ने लाडली योजना की रकम 1500 से बढ़ाकर 2100 रुपए करने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना ! दिनांक २८ जून २०२४ व दिनांक ३ जुलै २०२४ रोजी निर्गमित करण्यात आलेल्या शासन निर्णयानुसार अपात्र ठरणाऱ्या महिलांना "मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण" योजनेतून वगळण्यात येत आहे. अपात्र ठरविण्यात आलेल्या लाभार्थ्यांचे विवरण खालील प्रमाणे : संजय… — Aditi S Tatkare (@iAditiTatkare) February 7, 2025
चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत तथा देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति की सरकार के गठन के बाद लाडली योजना के पैसे को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। पैसा मिलेगा या नहीं, 1500 या 2100 ऐसे सवाल लाभार्थी महिलाएं पूछ रही थीं। इसी दौरान गणतंत्र दिवस पर महायुति सरकार ने 1500 रुपए के हिसाब से 2 करोड़ 41 लाख लाभार्थी महिलाओं को सातवीं के पैसा का भुगतान किया गया। यह संख्या इससे पहले योजना का लाभ लेनेवाली महिलाओं की संख्या से लगभग 5 लाख कम है।
राज्य की महिला व बाल विकास विभाग की मंत्री अदिति तटकरे ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर पोस्ट साझा करके बताया है कि 28 जून 2024 एवं 3 जुलाई 2024 को जारी सरकारी निर्णय के अनुसार अपात्र महिलाओं को “मुख्यमंत्री की लाडली बहन” योजना से बाहर निकाला जा रहा है। इसमें 2 लाख 30 हजार महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना, 65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं की संख्या 1 लाख 10 हजार है। परिवार में चार पहिया वाहन वाली महिलाओं की संख्या ऐसी 1 लाख 60 हजार हैं। तथा नमो शक्ति योजना का लाभ उठाने वाली महिलाएं भी शामिल हैं।
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लाडली बहनों की और भी छटनी होनी तय मानी जा रही है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि एक से ज्यादा सरकारी योजना, ढाई लाख से अधिक पारिवारिक आमदनी और कार आदि के आधार पर लगभग 30 लाख लाड़ली फर्जी लाडली बहनों को चिन्हित किया गया है। आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर लाभार्थी महिलाओं की पात्रता की जांच कर रही है। फिलहाल राज्य विधानमंडल का बजट सत्र अगले महीने आयोजित होने वाला है। इस बजट में लाडली की राशि बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है।