
फर्जी वोटिंग, मारामारी व हिंसा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Fake Voting Allegations: महाराष्ट्र की 264 नगर परिषद व नगर पंचायतों में मंगलवार को मतदान के दौरान धांधली, हिंसा और अव्यवस्था हावी रही। इससे राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं की दबंगई, विपक्षी दलों के बीच झड़पें, फर्जी वोटिंग और मतदाताओं को डराने-धमकाने की घटनाओं ने चुनाव की पारदर्शिता पर सीधा प्रहार किया है। (मूलतः 288 निकायों में चुनाव निर्धारित थे, लेकिन 24 में स्थगन के चलते 264 में मतदान हुआ)
मुक्ताईनगर (जलगांव)-केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे द्वारा पुलिस अधिकारियों से अभद्र व्यवहार पर बवाल हुआ।हिंगोली-शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संतोष बांगर पर मतदान की गोपनीयता भंग करने का आरोप, FIR दर्ज की गई।मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उनके इस कृत्य की आलोचना की।
वरनगांव (जलगांव) में एक कर्मचारी पर मतदाताओं को भाजपा के चुनाव चिन्ह का बटन दबाने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगा। विपक्ष ने तत्काल सस्पेंशन व पुनर्मतदान की मांग की।
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निर्वाचन आयोग ने सभी गंभीर आरोपों की जांच का आश्वासन दिया है। अब सवाल यह है कि अराजकता के बीच हुए इन चुनावों कितने पारदर्शी माने जाएंगे? सबकी निगाहें 21 दिसंबर की मतगणना पर टिकी हैं।
सुनील तटकरे सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष, राकां (अजीत पवार) ने कहा कि महाड नगरपरिषद चुनाव के दौरान हुई घटना अत्यंत निंदनीय है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में मुझ पर लगाए गए आरोपों से मेरा दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। लेकिन जो लोग जिंदगीभर गलत कृत्य करते रहे हैं और दूसरों पर गंदे आरोप लगाने का काम करते आए हैं, वे आज भी वही कर रहे हैं। जो हिस्ट्रीशीटर हैं, उनकी पूरी हिस्ट्री को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए।






