महाराष्ट्र के किसानों का विदेश अध्ययन दौरा (pic credit; social media)
Maharashtra Farmers Foreign Study Tour: महाराष्ट्र के किसानों के लिए सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। अब जो किसान विदेश जाकर आधुनिक खेती सीखना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार से दोगुनी आर्थिक मदद मिलेगी। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बुधवार को बताया कि किसानों को विदेश अध्ययन दौरे के लिए दी जाने वाली सहायता राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है।
इस फैसले का मकसद किसानों को दुनिया के अलग-अलग देशों में अपनाई जाने वाली उन्नत खेती पद्धतियों, सिंचाई तकनीकों और प्रोसेसिंग सिस्टम को समझने और अपने खेतों में लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
वर्ष 2012 से अब तक इस योजना के तहत किसानों को अधिकतम एक लाख रुपये की सहायता दी जा रही थी। लेकिन यात्रा, आवास और विदेशी मुद्रा के बढ़ते खर्च के चलते यह राशि अब नाकाफी थी। इसी वजह से सरकार ने यह सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग ने इस संबंध में सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर दिया है।
यह योजना पुणे स्थित कृषि आयुक्तालय के माध्यम से संचालित होती है। इसके तहत किसानों को कृषि मशीनीकरण, सिंचाई, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और विपणन के क्षेत्र में दुनिया भर में हो रहे नवाचारों का अध्ययन करने का अवसर दिया जाता है।
संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, विदेश अध्ययन यात्रा करने वाले किसानों को यात्रा व्यय का 50 प्रतिशत या अधिकतम दो लाख रुपये (जो भी कम हो) सहायता के रूप में मिलेगा।
इस योजना के अंतर्गत अब तक कई किसानों ने अमेरिका, इजरायल, जापान, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, फ्रांस और थाईलैंड जैसे देशों की यात्रा कर वहां की आधुनिक कृषि तकनीकों को भारत लाने में अहम भूमिका निभाई है।
मंत्री भरणे का कहना है कि, “हमारे किसान मेहनती हैं, उन्हें बस सही दिशा और नई तकनीक की जानकारी चाहिए। जब वे वैश्विक स्तर पर अपनाई जा रही पद्धतियां देखेंगे, तो महाराष्ट्र की कृषि और सशक्त होगी।”