दो बाघाें की लड़ाई (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tiger-Fight In Tadoba: चंद्रपुर जिले के ताड़ोबा स्थित अलीजांझा बफर जोन क्षेत्र में दो बाघ आपस में भिड़ गए। इस दौरान कई पर्यटकों ने इस लड़ाई का रोमांच देखा। यह सीएम नामक बाघ का अधिवास है जहां मोगली और एक कॉलरवाले बाघ को आपस में लड़ते हुए देखा गया। यह लड़ाई मंगलवार, 14 अक्टूबर को हुई।
इससे पहले, छोटा मटका (सीएम) नामक बाघ का ताडोबा के नवेगांव-निमढेला से लेकर अलीजांझा बफर ज़ोन तक के इलाके में राज था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में, छोटा मटका बाघ ब्रह्मा के साथ भीषण लड़ाई में गंभीर रूप से घायल हो गया था। पैर में चोट लगने के कारण वह चल नहीं पा रहा था।
इसके अलावा, बारिश का मौसम होने के कारण घाव बढ़ता ही जा रहा था। इससे ‘छोटा मटका’ की सेहत सुधरने के बजाय और बिगड़ती गई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहल करते हुए वन विभाग को उसे पकड़कर तुरंत उपचार करने का आदेश दिया। अंततः बाघ छोटा मटका को पकड़कर आगे के उपचार के लिए नागपुर के ‘गोरेवाड़ा’ भेज दिया गया।
छोटा मटका के जाने के बाद इस क्षेत्र में मोगली और कॉलरवाला इसी जगह बसने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए, दोनों छोटा मटका के निवास स्थान में अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए आपस में भिड़ गए। यहां ‘जो जीता वही सिकंदर’ का सिद्धांत लागू होता है।
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ये सभी लड़ाइयां ताडोबा के अलीजांझा वन क्षेत्र में हुईं। कई पर्यटकों ने इस लड़ाई का रोमांच अनुभव किया। कॉलरवाला ने मोगली को हरा दिया। दोनों के बीच हुई लड़ाई में मोगली की गर्दन में चोट लग गई।
मोगली ने अलीजांझा से निमडेला बफर जोन क्षेत्र में अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए तीन-चार बार प्रयास किया। हालांकि, उसे कई बार इस क्षेत्र से वापस लौटना पड़ा। तीनों लड़ाइयां बाघ छोटा मटका के साथ हुई थी, वह हर लड़ाई में हार गया और उसे वापस दूसरी जगह जाना पड़ा।
अब जबकि छोटा मटका इस इलाके में नहीं रहा, मोगली बाघ के फिर से ‘प्रवेश’ करने पर कॉलरवाला से उसकी लड़ाई हुई। वह यह लड़ाई भी हार गया और उसे वापस लौटना पड़ा। इसलिए, गाइडों का कहना है कि कॉलरवाला बाघ अब अलीजांझा और निमढेला इलाकों में अपना नया साम्राज्य स्थापित करेगा।