देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-IANS)
Mumbai News: दिवाली के बाद महायुति सरकार की महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित की गई. दिवाली बाद संपन्न हुई कैबिनेट की यह पहली बैठक थी, जोकि काफी हंगामेदार रही. इसमें मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. बैठक में मराठवाड़ा सहित राज्य के प्रभावित इलाकों में किसानों को मदद न मिलने पर मंत्रियों ने अधिकारियों को आड़े हाथों लिया. इससे कैबिनेट बैठक में कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया. मुख्यमंत्री की मध्यस्थता के बाद आखिरकार, मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच विवाद का विवाद शांत हो गया.
मानसून के दौरान खासकर अगस्त और सितंबर महीने में महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश के कारण किसानों और नागरिकों को भारी नुकसान हुआ है. उनकी फसल, मवेशी, और घर के साथ-साथ खेतों की मिट्टी भी बह गई. राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले बीड, धाराशिव, जालना, लातूर और नांदेड़ जिले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. वहीं, पश्चिमी महाराष्ट्र के अहिल्यानगर, सोलापुर और पुणे जिलों के कुछ हिस्सों और उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक और जलगांव में भी भारी बारिश हुई, जिससे बाढ़ के हालात पैदा हो गए.
राज्य सरकार ने संकटग्रस्त किसानों के लिए 32 हज़ार करोड़ रुपए की सहायता (पैकेज) की घोषणा की है. उन्होंने दिवाली से पहले किसानों के खातों में मुआवजे का पैसा जमा कराने की भी घोषणा की है. लेकिन विपक्ष के साथ-साथ सरकार में शामिल मंत्री भी दावा कर रहे हैं कि सरकार का वादा झूठा साबित हुआ. आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्रभावित किसानों और नागरिकों ने बिना सरकारी सहायता के दिवाली मनाई है. इसका असर मंगलवार को कैबिनेट बैठक में भी देखने को मिला है.
राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद आबा पाटिल ने बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों पर निशाना साधते हुए प्रभावित इलाकों में सहायता पर सवाल उठाए तथा प्रशासन की योजना दोषपूर्ण बताया. इस वजह से उनकी अधिकारियों से नोकझोंक हो गई. अंतत: मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंत्री मकरंद पाटिल और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच विवाद में मध्यस्थता की. उन्होंने प्रभावित इलाकों में दी गई सहायता का ब्योरा पेश करने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.
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मुख्यमंत्री फडणवीस ने बाद में बताया कि राज्य में बारिश से हुए नुकसान के लिए अब तक 8,000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता वितरित की जा चुकी है, जिससे 40 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है. बैठक में उन्होंने कहा कि विशेष विषय के रूप में 11,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वितरण को मंजूरी दी गई है. यह सहायता अगले 15 दिनों में किसानों के खातों में जमा करने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि सहायता के लिए धन की कोई कमी नहीं है.