शरद पवार के साथ अजित पवार आए नजर (फोटो- सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Election: नगर परिषद व नगर पंचायत चुनावों के परिणामों के बाद मंगलवार से राज्य में महानगरपालिका महासंग्राम की तैयारी शुरू होने जा रही है।
29 महानगरपालिकाओं के लिए होने वाले चुनावों के लिए मंगलवार से ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राजनीतिक दलों ने 15 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए कमर कस ली है। दोनों प्रमुख गठबंधनों में देर रात तक महाराष्ट्र स्तर पर एकता नहीं हो सकी।
ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि कुछ जगह पर नए गठबंधन देखने को मिल सकते हैं। बीजेपी सिर्फ मुंबई व ठाणे में एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना का साथ चाहती है, तो घड़ी वाली राकां के मुखिया अजीत पवार को वह कभी भी साथ में लेने के मूड में नहीं है।
अजीत ने भी कांग्रेस नेता सतेज उर्फ बंटी पाटिल को फोन कर युति का न्यौता दिया है। वहीं बीजेपी शिंदे के साथ भी मुंबई से लगी कुछ मनपाओं में खेला करने की तैयारी कर चुकी है।
सोमवार को राकां के दोनों गुटों के संभावित एकजुट होने की बर्चा दिनभर चलती रही। अजीत गुट के प्रदेश महासचिव दत्तात्रय धनकवडे ने दावा किया कि दोनों राका एक साथ आ रही है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।
दोनों गुटों के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातवीत हो चुकी है और इस पर ‘ताई’ और ‘दादा’ (सुप्रिया सुले और अजीत पवार) के स्तर पर भी चर्चा हुई है। तुतारी ते के उम्मीदवार घड़ी के चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे,
इधर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका चुनाव को लेकर स्वतंत्र चुनाव लड़ने के संकेत दिए है। चव्हाण ने कहा कि कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका चुनाव को लेकर दिया गया बयान सोच-समझकर दिया गया है।
इसका क्या अर्थ निकालना है, यह आप पर निर्भर है। बीजेपी कार्यकर्ता वर्षों से चुनाव का इंतजार कर रहे है। अब जब समय आया है, तो शिंदे के साथ गठबंधन करके अपने कार्यकर्ताओं का बीजेपी किसी भी हालत में मनोबल नहीं तोड़ना चाहती है।
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इसी समीकरण में एक और नया गणित सामने आ रहा है। अजीत पहले ही पुणे में शरद पवार गुट को साथ लेकर चुनाव लड़ने की संभावनाएं टटोल रहे है, ऐसे में यदि कांग्रेस भी उनके साथ आती है, तो पुरानी काग्रेस-राष्ट्रवादी की संयुक्त्त ताकत भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। मनपा में बीजेपी को रोका जा सका तो भविष्य में भी इसका लाभ ही सकेगा। बताया तो यह भी जा रहा है कि शरद पवार भी राजनीतिक लाभको देखते हुए इसके लिए तैयार हो गए है।