जयंत पाटिल ने फुले को टैक्स फ्री करने की मांग की (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में महात्मा ज्योतिबा फुले पर बनी फिल्म रिलीज होने से पहले विवादों में घिरी रही। विवादों से घिरे होने के कारण इस फिल्म से सेंसर बोर्ड ने 12 सीन को काट दिया था। इस फिल्म अब इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग उठी है। एनसीपी (एससीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित फिल्म फुले को टैक्स फ्री किया जाए।
जयंत पाटिल ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा 25 अप्रैल 2025 को निर्देशक अनंत महादेवन की फिल्म “फुले” दुनिया भर में रिलीज हो चुकी है और दर्शकों को पसंद आ रही है। हम मांग करते हैं कि इस फिल्म को कर मुक्त किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें।
जयंत पाटिल ने लिखा, “महात्मा फुले और सावित्री बाई फुले का इतिहास दलितों के लिए पानी की टंकी खोलने, शिक्षा के द्वार खोलने और महिलाओं की शिक्षा के लिए कदम उठाने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि महात्मा फुले और सावित्रीमाई ने इससे भी व्यापक कार्य किए हैं।”
NCP(SCP) State President Jayant Patil has written a letter to Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis, requesting that the film Phule, directed by Anant Mahadevan, be made tax-free pic.twitter.com/vgdxLgzdaA
— IANS (@ians_india) May 2, 2025
जयंत पाटिल ने आगे लिखा उनके कार्यों का प्रभाव इतना व्यापक है कि जिस तरह 19वीं सदी में उनके काम का विरोध किया गया था, उसी तरह 21वीं सदी में उनकी फिल्म का भी उतना ही विरोध किया गया। नतीजतन, फिल्म के लगभग 12 दृश्यों को सेंसर बोर्ड ने काट दिया। लेकिन महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई के विचार इतने भी छोटे नहीं थे।
जयंत पाटिल ने अनुरोध करते हुए लिखा एक इंसान को इंसान के तौर पर जीने का हक दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले दंपत्ति की यह मार्मिक यात्रा सभी को देखनी चाहिए। यह फिल्म उन जिम्मेदार लोगों को भी दिखाई जानी चाहिए जो उनके बारे में गलत जानकारी फैलाते हैं, तो कई गलतफहमियां दूर हो जाएंगी। इस फिल्म के जरिए हमें समाज के उत्थान के लिए बनाए गए आंदोलन का जीवंत इतिहास देखने को मिलेगा।
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जयंत पाटिल ने सरकार से अनुरोध किया कि वह फिल्म “फुले” को टैक्स फ्री करे और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करे। उन्होंने कहा कि परिवर्तनकारी, प्रगतिशील महाराष्ट्र बनाने वाले महान व्यक्तित्वों का सम्मान किया जाना चाहिए। हमारे गौरवशाली इतिहास की छाप सभी के मन में अंकित होनी चाहिए।