
‘इंडिगो संकट’ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Indigo Crisis: महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से नागपुर में शुरू होने जा रहा है, लेकिन उससे पहले इंडिगो एयरलाइंस की परिचालन समस्या ने यात्रियों के साथ-साथ कई विधायकों की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
उड़ानें अचानक रद्द होने से मुंबई, पुणे और पश्चिम महाराष्ट्र से नागपुर पहुंचने की योजना बनाए बैठे जनप्रतिनिधियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ा। कई विधायक हर साल की तरह इस बार भी नागपुर अधिवेशन के लिए हवाई यात्रा पर निर्भर थे, परंतु इंडिगो की कई फ्लाइट रद्द होने से उनकी बुकिंग स्वतः कैंसल हो गई।
नतीजतन, कुछ विधायकों को सड़क मार्ग से 12 घंटे से अधिक का लंबा और जोखिम भरा सफर तय करना पड़ा, जबकि कुछ ने तत्काल चार्टर्ड विमान या रेल यात्रा की व्यवस्था कर खुद को समय पर नागपुर पहुंचाने की कोशिश की।
कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे और यूबीटी के नेता सचिन अहीर सहित कई वरिष्ठ विधायकों की तय यात्रा योजनाएं इस अव्यवस्था से बिगड़ गईं। सामान्य यात्रियों को भी इसी तरह की परेशानी झेलनी पड़ी, जिससे हवाई यात्रा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। यूबीटी विधायक सचिन अहीर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों के लिए प्राइवेट जेट की व्यवस्था की गई है, जबकि आम यात्रियों और विपक्ष के नेताओं को संकट से जूझना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार एयरलाइन परिचालन की समस्या पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है।
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इस बीच, केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बयान दिया कि इंडिगो ने निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते यह स्थिति बनी है। फिलहाल, शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले उड़ान रद्द होने की यह समस्या चर्चा का प्रमुख विषय बन गई है और यात्रियों के साथ-साथ प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं।






