
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, फोटो: सोशल मीडिया
Mumbai News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मुंबई में ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के समुद्री क्षेत्र में 2047 तक भारत को वैश्विक नेता बनाने के लक्ष्य की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समुद्री दृष्टिकोण सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता के तीन स्तंभों पर आधारित है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण “मैरीटाइम मोमेंट” है, जो मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया को गेट वे ऑफ वर्ल्ड में बदलने की दिशा में अग्रसर है।
गोरेगांव-पूर्व स्थित नेस्को सेंटर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुंबई का समुद्री क्षेत्र भारत के लिए महत्वपूर्ण है और अब हम नया समुद्री इतिहास रचने जा रहे हैं। भारत 5000 साल से समुद्री व्यापार में अग्रणी रहा है और अब फिर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी समुद्री ताकत साबित कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश का 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्गों से होता है और यह समुद्री क्षेत्र जीडीपी में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। भारत का 11,000 किलोमीटर लंबा समुद्र तट अब वैश्विक विकास का केंद्र बन रहा है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत जहाज निर्माण में दुनिया में पांचवें स्थान पर है और नए बंदरगाहों का निर्माण तेजी से हो रहा है। शाह ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के वाढवण बंदरगाह को जल्द ही दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने वैश्विक निवेशकों से भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश करने की अपील की और समुद्री क्षेत्र को समृद्ध बनाने का वादा किया।
अपने मुंबई दौरे के दौरान अमित शाह ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं का वितरण किया। उन्होंने कहा कि जैसे डेयरी और चीनी उद्योगों ने सहकारिता के माध्यम से समृद्धि लाई, वैसे ही देश के मत्स्य पालन क्षेत्र में भी सहकारिता के मॉडल से समृद्धि लाने का लक्ष्य है। आने वाले पांच वर्षों में सहकारिता आधारित पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा, और अगले पांच साल में कम से कम 200 नई नौकाएं समुद्र में उतारी जाएंगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई ‘समुद्री शक्ति’ के रूप में उभर रहा है। उन्होंने मुंबई और महाराष्ट्र के बंदरगाहों की भूमिका को देश के समुद्री व्यापार में अहम बताया। मुंबई के बंदरगाह और जेएनपीए (जवाद, न्हावा शेवा पोर्ट) का कंटेनर परिवहन में प्रमुख योगदान है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और भारत की समुद्री ताकत को बढाने के लिए जल्द ही विविध निवेश परियोजनाएं शुरू होंगी।
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इस कार्यक्रम के दौरान 55,969 करोड़ रुपए के 15 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि इन समझौतों से महाराष्ट्र को समुद्री व्यापार और विकास के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान मिलेगा। उन्होंने कहा कि जल परिवहन और रो-रो (रोल-ऑन, रोल-ऑफ) सेवाओं की शुरुआत से नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलने का भरोसा है।






