डॉ नरेंद्र जाधव (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra News: राज्य में महानगरपालिका व स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान हिंदी बनाम मराठी का विवाद एक बार फिर गहरा सकता है। कारण यह है कि त्रिभाषा नीति पर बनी डॉ। नरेंद्र जाधव समिति अपनी समयसीमा से पहले 4 जनवरी को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
इस साल अप्रैल में राज्य सरकार द्वारा पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के बाद महाराष्ट्र में भाषा विवाद भड़क उठा था। विरोध के बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा और इस मुद्दे पर जनमत जानने के लिए 30 जून को डॉ जाधव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। समिति ने नागपुर, पुणे, मुंबई सहित आठ शहरों का दौरा करके विभिन्न संस्थाओं, साहित्यकारों और नागरिकों के सुझाव लिए थे।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी जनमत एकत्र किया गया था। अब जानकारी सामने आई है कि दो बार विस्तार मिलने के बाद अब यह समिति अपनी रिपोर्ट चुनाव के माहौल में ही सौंप रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे चुनावी रण में हिंदी-मराठी का मुद्दा फिर से भड़क सकता है और कुछ पक्ष इसे राजनीतिक लाभके लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें :- BMC Election 2026: महायुति से बाहर रहकर एनसीपी का बड़ा दांव, मुंबई में 37 नाम घोषित