रवींद्र चव्हाण और ठाकरे बंधु (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Hindi Language Controversy: मराठी भाषा के मुद्दे पर ठाकरे भाइयों द्वारा मोर्चा निकालने की घोषणा के कारण कानून और व्यवस्था बनाए रखने और विधानसभा के मानसून सत्र को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कराने के उद्देश्य से त्रिभाषा सूत्र लागू करने का आदेश रद्द कर दिया गया है, यह जानकारी भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने दी।
उन्होंने कहा कि डॉ. नरेंद्र जाधव समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार हिंदी को लेकर उचित निर्णय लेगी। चव्हाण ने स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं, 2029 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों, भाजपा में नए प्रवेश, महायुति में सीटों के बंटवारे और भाजपा द्वारा किए गए समझौतों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।
मराठी के मुद्दे पर ठाकरे भाइयों द्वारा मोर्चा निकालने की घोषणा से राज्य में कानून-व्यवस्था के संकट से बचने और विधानसभा सत्र सुचारू रूप से चलाने के लिए त्रिभाषा सूत्र को लागू करने का आदेश वापस लिया गया, यह उन्होंने स्पष्ट किया। चव्हाण ने बताया कि पहले हिंदी भाषा की जबरदस्ती के कारण पूरे राज्य में विवाद हुआ और मराठी-अमराठी विवाद भी शुरू हो गया।
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में मराठी भाषा ही अनिवार्य है, जबकि हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने अनिवार्य किया था। इसके विपरीत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने तीसरी भाषा को वैकल्पिक बनाया और अन्य भाषाओं को भी विकल्प के रूप में रखा। लेकिन विपक्ष ने राजनीतिक लाभ के लिए इसे मुद्दा बनाया।
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मीरा-भाईंदर में मनसे ने मराठी मुद्दे पर मोर्चा आयोजित किया था, जिसके कारण पुलिस ने मनसे के नेता को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिया था। चव्हाण ने कहा कि उनके खिलाफ मारपीट और धमकी जैसी गंभीर मामले दर्ज हैं। पुलिस आयुक्त ने पहले ही आयोजकों को हिरासत में लिया था ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
रवींद्र चव्हाण ने कहा कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव न्यायालय के आदेश के अनुसार होंगे और महायुति एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। भाजपा हमेशा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। मराठी भाषा के मुद्दे का जनता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुंबई महानगरपालिका चुनाव में विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे प्रमुख रहेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमारी मातृसंस्था है और उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार 2029 के चुनाव तक मतों का प्रतिशत 51% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा, “ठाकरे बंधुओं या परिवार के एकजुट होने का स्वागत है। हम संयुक्त परिवार व्यवस्था को मानने वाले हैं। लेकिन वे राजनीति में कितने समय तक एकजुट रहेंगे, यह कहा नहीं जा सकता।”