बॉम्बे उच्च न्यायालय (pic credit; social media)
Mumbai News In Hindi: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में आदेश दिया था कि फुटपाथ और सड़क को अवरुद्ध करने वाले फेरीवालों और दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, हालाँकि भांडुप में इस आदेश का पालन होता नहीं दिख रहा है।
खुले आम न्यायालय के आदेश की अवमानना की जा रही है। अनाधिकृत फेरीवालों की मनमानी, दुकानदारों द्वारा फुटपाथ पर अतिक्रमण से भांडुप इलाके में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। फेरीवाले और दुकानदार फुटपाथ और सड़क पर बैठे रहते हैं, नागरिकों ने पुलिस और मनपा अधिकारियों पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।
भांडुप के पूर्व नगरसेवक सुरेश कोपर ने बताया कि क्षेत्र की सहायता आयुक्त किसी को कोई रिस्पांस नहीं देती है, सड़क और फुटपाथ पर अवैध तरीके से कब्जे हुए हैं। आम लोगों का भी कहना है कि फेरीवालों को अधिकारियों की खुली छूट मिली हुई है, जिसकी वजह से लोगों को चलना मुश्किल हो रहा है। स्टेशन रोड, जंगल मंगल रोड, एलबीएस मार्ग फेरीवालों ने जाम कर रखी हैं। यही नहीं दुकानदारों ने भी फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लिया है।
पूर्व नगरसेवक सुरेश कोपरकर ने कहा है कि सहायक आयुक्त किसी का फोन नहीं में कोई काम नहीं हो रहा है। सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। कई बार शिकायत की, लेकिन सहायक आयुक्त पर कोई असर नहीं हो रहा है।
स्थानीय नागरिक मुग्धा चौगुले ने कहा है कि स्टेशन से कोकण नगर, हनुमान नगर, खिंडीपाडा, गाढव नाका जाने के लिए बस या रिक्शा से जाना पड़ता है, फेरीवालों ने जगह घेर रखी है, दुकानदारों ने फुटपाथ का आधा हिस्सा बंद कर रखा है। भांडुप रेलवे स्टेशन से एलबीएस तक के पूरे इलाके को फेरीवालों से खाली किया जाना है।
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सबसे बुरा हाल स्टेशन रोड का है। यहां पर फेरीवाले, ऑटो स्टैंड, बस स्टैंड और दुकानों द्वारा कब्जा किये गए फुटपाथ से बुरा हाल है। इसके बावजूद, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जो भी कार्रवाई की जाती है वह दिखावे के लिए होती है। भाडुप स्टेशन के सामने पुलिस चौकी होने के बावजूद कई रिक्शा स्टैंड और बीच सड़क और फुटपाथ पर फेरीवालों का कब्जा है। स्टेशन के बाहर बीकानेर जैसे दुकानदार नियोजित दुकान के बाहर फुटपाथ और सड़क पर पांच से दस फीट तक अतिक्रमण कर रहे हैं और बिक्री सामग्री और स्टॉल लगाकर व्यवसाय कर रहे है। एस वार्ड की सहायक आयुक्त अलका सासाने से इन समस्याओं पर ध्यान देने और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मामले पर जब एस वार्ड के सहायक आयुक्त से बात करने की कोशिश किया गया तो संपर्क नहीं हो सका।