डोनाल्ड ट्रंप का बना आधार कार्ड (Image- Social media)
Mumbai News: राकां शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने वोट चोरी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने फर्जी जानकारी देकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड तात्या ट्रंप के नाम पर बनाए गए आधार कार्ड को भी मीडिया के सामने पेश किया। रोहित ने बताया कि मात्र 20 रुपए में ट्रंप के नाम पर यह आधार बनाया गया है। इससे समझा जा सकता है कि इस तरह कई फर्जी आधार बना कर कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गए होंगे। उन्होंने यह खुलासा गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में किया।
रोहित ने कहा कि शिरुर विधानसभा क्षेत्र में 10230 नए मतदाता जोड़े गए हैं। वहीं वडगांव शेरीत में 11064, खडकवासला में 12330, पर्वती निर्वाचन क्षेत्र में 8238, हडपसर निर्वाचन क्षेत्र में 12798, यानी कूल 54000 नए मतदाता जुड़े हैं। लेकिन जब हमारे कार्यकर्ता इन वोटरों के दिए गए पते पर पहुंचे तो उन्हें वहां कोई नहीं मिला। एक शख्स के मुताबिक इन लोगों को बस से वोट दिलाने के लाया गया और बाद में उन्हें बस से वापस भेज दिया गया। यह साफ दर्शाता है कि इन फर्जी वोटरों को पैसे देकर वोट दिलवाने के लिए लाया गया। रोहित ने कहा कि कुल मिला कर पिंपरी में करीब 54,000 फर्जी वोटरों का घोटाला किया गया है।
रोहित पवार ने आरोप लगाया कि फर्जी वोटरों का पूरा खेला भाजपा के मीडिया हैंडल से जुड़े देवांग दवे ने किया है। वह भाजपा के पदाधिकारी हैं। रोहित का दावा है कि दवे ने एक कार्यप्रणाली का इस्तेमाल किया। कितने लोगों को वोटर लिस्ट से हटाना है और किसे जोड़ना है, यह सारी रणनीति एक सुनियोजित तरीके से तैयार की गई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। लेकिन आयोग ने अपने इंटरनेट और वेबसाइट के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी दवे नामक व्यक्ति को दी है। अगर दवे भाजपा के पदाधिकारी हैं फिर उन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट की जिम्मेदारी कैसे दी जा सकती है। राकां विधायक ने अंदेशा जताया है कि दवे ने ही निर्वाचन क्षेत्र के विधायकों को विश्वास में लेकर यह तय किया कि किसका नाम सूची में शामिल करना है और किसका नाम हटाना है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी कहा है कि भाजपा कार्यकर्ता देवांग दवे चुनाव आयोग का मीडिया विभाग क्यों संभाल रहे हैं। इस वजह से मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की गई है। वडेट्टीवार ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए हैं।
विपक्ष के आरोप पर देवांग दवे ने कहा कि मैं भाजपा के लिए घर-घर पहुँचकर काम करता हूँ। यह मुद्दा नया नहीं है, महाविकास आघाड़ी लोगों को गुमराह कर रही है। 2019 में साकेत गोखले नामक एक व्यक्ति ने इसी तरह का आरोप लगाया था। उस समय इस मामले की जांच हुई थी और पाया गया था कि मेरा चुनाव आयोग से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए मुझे क्लीन चिट दे दी गई है।
2019 के बाद विपक्ष ने ईवीएम पर आरोप लगाया था। अब फर्जी वोटरों की खबरें फैला रहे हैं। मेरे खिलाफ आरोप यह उसी हथकंडे का हिस्सा है। वास्तव में विपक्ष में भ्रम है, उन्हें पहले आपस में चर्चा करके अपना भ्रम दूर करना चाहिए। वे बिहार में एसआईआर का विरोध करते थे और महाराष्ट्र में इसे लागू करने की मांग करते हैं। उन्हें अपनी हार दिखाई दे रही है। इसी वजह से ऐसे आरोप लगा रहे हैं। मेरा चुनाव आयोग से कोई लेना-देना नहीं है।
देवांग दवे भाजपा पदाधिकारियों में युवा चेहरों में माने जाते हैं। महाराष्ट्र भाजपा में लंबे समय से सक्रिय दवे का युवाओं पर प्रभाव है। वे भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक हैं। उनकी पहचान एक राजनीतिक रणनीतिकार की भी है। 19 साल की उम्र में दवे ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’, ‘सोशल सेंट्रल’ जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना की।
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2012 में दवे ने मोदी के गुजरात भाजपा अभियान में डिजिटल और फिजिकल रणनीति पर काम किया। 2014-15 में दवे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ‘आपला सरकार’ पहल का नेतृत्व किया। 2021 में वे भाजपा महाराष्ट्र की चुनाव प्रबंधन समिति के सबसे कम उम्र के सदस्य बने। 2024 में दवे ने लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में विज्ञापन अभियान की जिम्मेदारी संभाली थी।