सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: महाराष्ट्र में अब 30 लाख से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रस्तावित छह प्रतिशत टैक्स नहीं लगेगा। यानी महंगे ईवी वाहन अब टैक्स फ्री हो जाएंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधान परिषद में यह घोषणा की। उच्च सदन में शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने ईवी और वायु प्रदूषण पर चर्चा के दौरान प्रस्तावित टैक्स का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में सीएम फडणवीस ने यह ऐलान किया।
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने प्रस्तावित टैक्स पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टैक्स विभिन्न प्रोत्साहनों के माध्यम से गैर-प्रदूषणकारी ईवी को बढ़ावा देने के केंद्र के प्रयासों के खिलाफ है। इससे स्वच्छ परिवहन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य पर विपरीत असर होगा।
इसके जवाब में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस टैक्स से कोई खास राजस्व हासिल नहीं होगा। इससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के बारे में गलत संदेश भी जाएगा। इस वजह से राज्य सरकार हाई-एंड इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्स फ्री कर रही है। महाराष्ट्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 30 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6 % टैक्स का प्रस्ताव रखा था।
पारंपरिक वाहनों से ईवी की ओर जाने से वायु प्रदूषण कम होगा। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहनों की राष्ट्रीय राजधानी बन रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि पुणे और छत्रपति संभाजीनगर में महत्वपूर्ण ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण में पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों का योगदान सबसे अधिक है। इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करने से इस समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। राज्य में चरणबद्ध तरीके से 2,500 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में जोड़ी जा रही हैं।
महाराष्ट्र से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकारी कार्यालयों के लिए जहां भी संभव होगा इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल किया जाएगा। विधायकों को कारों के लिए दिया जाने वाला ऋण अब सिर्फ इलेक्ट्रिक कारों के लिए ही होगा। शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे के सवाल का जवाब देते हुए सीएम फडणवीस ने यह जानकारी दी। इस पर, अंबादास दानवे ने कहा, “हम एक मर्सिडीज खरीदना चाहते हैं।” देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकारी योजना जरूरतमंदों के लिए है, लालचियों के लिए नहीं।