एकनाथ शिंदे की अमीत शाह से मुलाकात (सौजन्यः सोशल मीडिया )
मुंबई: उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे को आयकर विभाग से नोटिस मिलने की चर्चा ज़ोरों पर है। गौरतलब है कि शिवसेना के मंत्री और शिंदे के भरोसेमंद नेता संजय शिरसाट ने बयान दिया था कि श्रीकांत शिंदे को आयकर विभाग से नोटिस मिला है। लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपना बयान बदल दिया।
शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने बताया है कि कल्याण लोकसभा क्षेत्र से 3 बार सांसद रहे श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिला है। खुद संजय शिरसाट को आयकर विभाग से भी नोटिस मिला है। शिरसाट ने यह जानकारी दी है। श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिलने के शिरसाट के बयान पर मिली-जुली चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन सरकारी सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग ने श्रीकांत शिंदे को कोई नोटिस जारी नहीं किया है।
आयकरदाताओं के आवेदनों की जांच के लिए CASS (कंप्यूटर असिस्टेड स्क्रूटनी सेलेक्शन) का इस्तेमाल किया गया है। सूत्रों ने बताया है कि CASS के ज़रिए आवेदनों की जांच पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित है। इसमें किसी भी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता। आयकर विभाग द्वारा पूर्व-निर्धारित जोखिम मानकों को ध्यान में रखते हुए ये नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि शिवसेना नेता और सांसद श्रीकांत शिंदे को कोई नोटिस नहीं भेजा गया है।
राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें आयकर विभाग से एक नोटिस मिला है। शिरसाट ने बताया कि आयकर विभाग ने 2019 से 2024 के बीच संपत्ति में हुई बढ़ोतरी को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। शिरसाट ने यह भी कहा था कि श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस मिला है। लेकिन बाद में उन्होंने इस पर यू-टर्न ले लिया।
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उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार रात दिल्ली पहुंच गए थे। वे वापस लौट भी आए। शिंदे ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शिंदे ने शाह से शिरसाट को मिले नोटिस, हिंदी भाषा थोपने को लेकर राज्य में मचे बवाल, इसके चलते शिवसेना की हार और ठाकरे बंधुओं के संभावित गठबंधन की पृष्ठभूमि में मुलाकात की।
अब ठाकरे गुट की नेता सुषमा अंधारे ने तीखी आलोचना की है। अंधारे ने कहा कि आयकर विभाग का ‘खतरा’ गुरु पूर्णिमा के ‘मोके’ से भी बड़ा है। सुषमा अंधारे ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा कि रंग बदलने वाली छिपकली और इंसान में बस इतना ही फ़र्क़ है कि छिपकली ‘खतरा’ देखकर रंग बदलती है, इंसान ‘मोक्य’ देखकर रंग बदलता है। कुल मिलाकर गुरु पूर्णिमा का ‘मोक्य’ क्या है, आयकर विभाग के नोटिस का ‘खतरा’ उससे भी बड़ा है..!! दिघे साहब, देख रहे हैं ना…?