धनंजय मुंडे को वापस कैबिनेट में न लें! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Anjali Damania: एनसीपी अजित पवार गुट के नेता और पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे के कार्यकाल में कृषि विभाग में बड़ा घोटाला हुआ है ऐसा आरोप लगाया गया था। बीजेपी विधायक सुरेश धस ने दावा किया था कि 200 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने आरोप लगाया था कि धनंजय मुंडे के कृषि मंत्री रहते हुए करीब 245 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ था। हालांकि अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने धनंजय मुंडे को बड़ी राहत दी है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने धनंजय मुंडे के कार्यकाल में कृषि आदानों की खरीद के लिए लागू की गई विशेष कार्य योजना के तहत राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा सीधे कृषि आदानों की खरीद और वितरण के फैसले को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध करने वाली दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अब सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अंजलि दमानिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने परसों शाम को ही यह आदेश पारित कर दिया। मुझे लगता है कि इसमें जो भी त्रुटियां हैं, मैं उन्हें प्रस्तुत करूंगी। अब हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। सरकारी वकीलों ने बहुत ही कुशलता से सारी बातें प्रस्तुत कीं।
उन्होंने कहा कि दोनों सरकारी वकील अलग-अलग विभागों से थे। वकीलों ने जो भी प्रस्तुत किया, वह सब गलत है। इन मामलों में भ्रष्टाचार का कहीं ज़िक्र तक नहीं था।
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भ्रष्टाचार का पहलू कहीं भी पेश नहीं किया गया है। इसी वजह से धनंजय मुंडे को क्लीन चिट नहीं दी गई है। इस पूरे मामले को चुनौती देने की ज़रूरत है। इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया जाना चाहिए। मेरी लड़ाई पीपुल्स कमिश्नर के सामने चल रही है।
सत्यमेव जयते धनंजय मुंडे को शोभा नहीं देता। सचिव रहीं वी राधा की रिपोर्ट कभी पेश ही नहीं की गई। उनका जल्दबाजी में तबादला कर दिया गया। सचिव ने आठ बार कहा कि यह सब गलत हो रहा है, अंजलि दमानिया ने कहा है।
अंजलि दमानिया ने आगे कहा कि धनंजय मुंडे की दोबारा कैबिनेट में वापसी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से ऐसा करने का अनुरोध किया। महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है कि पहले धनंजय मुंडे और फिर माणिकराव कोकाटे कृषि मंत्री बने। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं की गलत प्रस्तुति और सरकारी वकीलों की उलझन के कारण सब कुछ उनके रास्ते में आ गया।